scriptइंदौर आयकर विभाग में प्लास्टिक ‘बोतलबंद पानी’ के उपयोग में लगी रोक, जानें क्या है वजह | Stop the use of plastic 'bottled water' in Indore Income Tax Departmen | Patrika News

इंदौर आयकर विभाग में प्लास्टिक ‘बोतलबंद पानी’ के उपयोग में लगी रोक, जानें क्या है वजह

locationइंदौरPublished: Jul 22, 2019 11:27:52 am

पर्यावरण के लिए पहल : मुख्य आयकर आयुक्त हाओकिप ने दिया कार्यालय की बैठकों, आगंतुकों को गिलास में पानी देने का आदेश, रोज 500 बोतलों का होता था उपयोग

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इंदौर आयकर विभाग में प्लास्टिक ‘बोतलबंद पानी’ के उपयोग में लगी रोक, जानें क्या है वजह

संदीप पारे @ इंदौर. नगर निगम के डिस्पोजल फ्री सिटी के संकल्प के साथ आयकर विभाग इंदौर ने भी पर्यावरण हितैषी कदम उठाया है। प्लास्टिक का उपयोग खत्म करने के लिए आयकर भवन में बोतलबंद पानी के उपयोग पर रोक लगाई है।
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आयकर विभाग इंदौर रीजन के चीफ कमिश्नर डीपी हाओकिप ने कार्यालयीन आदेश निकालकर अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि भविष्य में होने वाली बैठकों, मिलने आने वाले आगंतुकों को गिलास में ही पानी दिया जाए। इंदौर कार्यालय में इस पहल की शुरुआत भी हो चुकी है। यहां रोज ५०० पानी की प्लास्टिक बोतलें उपयोग होती थीं। रविवार को आयकर स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित टैक्साथॉन में इसका पालन हुआ तो लोगों से सराहना मिली।
मुख्य आयकर आयुक्त डीपी हाओकिप ने कार्यालय में मितव्ययिता के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी जोड़ लिया है। अपर आयुक्त पुनीत कुमार और सहायक आयुक्त सत्यपाल मीणा ने बताया, आयकर कार्यालय में अधिकारियों, टैक्स पेयर्स, सीए, टैक्स सलाहकारों के साथ बैठकें व सेमिनार होते हैं। साथ ही रोजाना काम लेकर आने वाले लोग व कर्मचारियों ने प्लास्टिक बोतल के पानी का उपयोग बंद कर दिया है। इंदौर कार्यालय में बंद पड़े वाटर कूलर और प्यूरिफायर को सुधरवाकर तांबे के लोटे रखे गए हैं। आयुक्त का सोच है, इससे प्लास्टिक का उपयोग कम होगा। कई बार
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बोतल में बचे पानी को फेंक दिया जाता है।

यदि बोतल का उपयोग बंद होगा तो पर्यावरण और पानी दोनों का संरक्षण होगा। इंदौर सीए शाखा के पूर्व चेयरमैन अभय शर्मा का कहना है, यह अभिनव प्रयोग है। एसोसिएशन के कार्यक्रमों में प्लास्टिक बोतलबंद पानी का उपयोग पूरी तरह बंद करेंगे।
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मप्र-छग में बड़ी बचत

यह प्रयोग इंदौर कार्यालय में शुरू हुआ है। मप्र-छग रीजन के सभी कार्यालय में होने की संभावना है, जिससे रोज 5-7 हजार प्लास्टिक बोतलों का उपयोग खत्म होगा। यहां आने वालों को प्रोत्साहित कर पहल को बड़े पैमाने ले जाया जा सकता है। डिस्पोजेबल फ्री नगर निगम स्वच्छता के अगले चरण में डिस्पोजल फ्री इंदौर बनाने की दिशा में प्रयासरत है। आयोजनों में डिस्पोजेबल आइटम्स का उपयोग खत्म करने के लिए बर्तन बैंक योजना शुरू की है, जिसे हाथों ने हाथोहाथ लिया है।
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ये पहल बड़ा बदलाव लाएगी

-पर्यावरण संरक्षण के लिए की जा रही पहल से लाभ होगा। कार्यालय प्रमुख विभाग स्तर पर ऐसे प्रयोग कर सकते हैं। इससे बड़े बदलाव होंगे।
– आकाश त्रिपाठी, संभागायुक्त इंदौर

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