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स्कूल छुड़वाने की धमकी देकर पिता ने पांच साल तक किया बलात्कार, पढऩा चाहती थी इसलिए चुप रही बेटी आयकर विभाग इंदौर रीजन के चीफ कमिश्नर डीपी हाओकिप ने कार्यालयीन आदेश निकालकर अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि भविष्य में होने वाली बैठकों, मिलने आने वाले आगंतुकों को गिलास में ही पानी दिया जाए। इंदौर कार्यालय में इस पहल की शुरुआत भी हो चुकी है। यहां रोज ५०० पानी की प्लास्टिक बोतलें उपयोग होती थीं। रविवार को आयकर स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित टैक्साथॉन में इसका पालन हुआ तो लोगों से सराहना मिली।
मुख्य आयकर आयुक्त डीपी हाओकिप ने कार्यालय में मितव्ययिता के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी जोड़ लिया है। अपर आयुक्त पुनीत कुमार और सहायक आयुक्त सत्यपाल मीणा ने बताया, आयकर कार्यालय में अधिकारियों, टैक्स पेयर्स, सीए, टैक्स सलाहकारों के साथ बैठकें व सेमिनार होते हैं। साथ ही रोजाना काम लेकर आने वाले लोग व कर्मचारियों ने प्लास्टिक बोतल के पानी का उपयोग बंद कर दिया है। इंदौर कार्यालय में बंद पड़े वाटर कूलर और प्यूरिफायर को सुधरवाकर तांबे के लोटे रखे गए हैं। आयुक्त का सोच है, इससे प्लास्टिक का उपयोग कम होगा। कई बार
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फोन पर बोला पति, मैं आत्महत्या कर रहा हूं, पत्नी के समझाने से पहले ही कर ली खुदकुशी बोतल में बचे पानी को फेंक दिया जाता है। यदि बोतल का उपयोग बंद होगा तो पर्यावरण और पानी दोनों का संरक्षण होगा। इंदौर सीए शाखा के पूर्व चेयरमैन अभय शर्मा का कहना है, यह अभिनव प्रयोग है। एसोसिएशन के कार्यक्रमों में प्लास्टिक बोतलबंद पानी का उपयोग पूरी तरह बंद करेंगे।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया हुए सक्रिय, कानूनी पचड़े समझ बुलाए संभावित उम्मीदवारों के नाम मप्र-छग में बड़ी बचत यह प्रयोग इंदौर कार्यालय में शुरू हुआ है। मप्र-छग रीजन के सभी कार्यालय में होने की संभावना है, जिससे रोज 5-7 हजार प्लास्टिक बोतलों का उपयोग खत्म होगा। यहां आने वालों को प्रोत्साहित कर पहल को बड़े पैमाने ले जाया जा सकता है। डिस्पोजेबल फ्री नगर निगम स्वच्छता के अगले चरण में डिस्पोजल फ्री इंदौर बनाने की दिशा में प्रयासरत है। आयोजनों में डिस्पोजेबल आइटम्स का उपयोग खत्म करने के लिए बर्तन बैंक योजना शुरू की है, जिसे हाथों ने हाथोहाथ लिया है।
must read : सावन के पांच दिन सूखे निकले, अलसुबह आधे घंटे बरसे बादल और फिर रूठ गए ये पहल बड़ा बदलाव लाएगी -पर्यावरण संरक्षण के लिए की जा रही पहल से लाभ होगा। कार्यालय प्रमुख विभाग स्तर पर ऐसे प्रयोग कर सकते हैं। इससे बड़े बदलाव होंगे।
– आकाश त्रिपाठी, संभागायुक्त इंदौर