इंदौरPublished: Mar 31, 2023 04:12:44 pm
Subodh Tripathi
जिस बावड़ी की छत पर बैठकर हवन पूजन हो रहा था, वह बावड़ी पिछले 20 सालों से बंद थी, हवन की पूर्णाहुति के दौरान सभी एक साथ आहुतियां देने के लिए खड़े हुए थे कि अचानक बावड़ी की छत धसक गई.
इंदौर. जिस बावड़ी की छत पर बैठकर हवन पूजन हो रहा था, वह बावड़ी पिछले 20 सालों से बंद थी, हवन की पूर्णाहुति के दौरान सभी एक साथ आहुतियां देने के लिए खड़े हुए थे कि अचानक बावड़ी की छत धसक गई, उस समय करीब 100 से अधिक लोग थे, जिसमें से कुछ बावड़ी बाहर गिरे तो कुछ अंदर, जिन्हें तैरना आता था और ऊपर की तरफ थे, वे जैसे तैसे बच गए, लेकिन जिन्हें तैरना नहीं आता था, वे डूब कर मर गए, हमारी आंखों के सामने ही कई लोगों की मौत हो गई थी, मरने के बाद पानी में उनके शव तैरने लगे थे, हमें भी समझ नहीं आ रहा था कि हम भी बचेंगे या नहीं, लेकिन भगवान ने हमें बचा लिया।