दिन में इक्का-दुक्का कुत्ते सड़क पर रहते हैं, लेकिन रात होते ही पूरा झुंड कब्जा जमा लेता है।
इंदौर. एक ओर शहर स्मार्ट सिटी की दौड़ में चल रहा है, हर जगह विकास के दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आवारा पशुओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक हर दिन बढ़ता जा रहा है। रात में तो ये ज्यादा खूंखार हो जाते हैं।
शहर का एक भी क्षेत्र कुत्तों से अछूता नहीं है। हर जगह झुंड में ये कुत्ते नजर आ ही जाते हैं। राजबाड़ा से बड़ा गणपति, धार रोड पर चंदन नगर से सिरपुर, एयरपोर्ट रोड, तिलक नगर से बंगाली चौराहा के आसपास कनाडिय़ा रोड पर, माणिकबाग ब्रिज से चोइथराम अस्पताल सहित कई क्षेत्रों में इनका आतंक ज्यादा है।
दिन में इक्का-दुक्का कुत्ते सड़क पर रहते हैं, लेकिन रात होते ही पूरा झुंड कब्जा जमा लेता है। ऐसे में रात में निकलने वाले वाहनों के पीछे ये अचानक लपकने लग जाते हैं। घबराहट में कई बार वाहन चालक गिर चुके हैं। कई कॉलोनियों में तो कुत्तों ने छोटे बच्चों को भी अपना निशाना बनाया है। कुत्तों को शहर से खदेडऩे के लिए नगर निगम और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
आराम फरमाते हैं मवेशी
शहर की सड़कों पर मवेशी भी आराम फरमाते रहते हैं। मालिक सुबह से इन्हें खुला छोड़ देते हैं, जिस कारण ये यातायात में बाधक बनते हैं। कई बार इनकी वजह से हादसे भी हो चुके हैं। निगम ने इनके मालिकों पर एक-दो बार छोटी-मोटी कार्रवाई कर इतिश्री कर ली।