पुलिस के अनुसार मामला 6 जून की रात 12:00 बजे का है, जहां आरोपी ने आवारा कुत्ते को बेरहमी से डंडे से पीटा और उसकी रीड़ के दो टुकड़े कर दिए। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है होने लगा जिसके बाद मामला सामने आया। बाणगंगा थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी ने बतायाल कि स्थानीय पशु कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 428 और 429 और पशु अधिनियम के तहत पशुओं के खिलाफ क्रूरता की रोकथाम की धारा 11 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पहले भी होते रहे हैं ऐसे मामले
पशुओं के साथ क्रूरता का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब इंसान अपना आपा खोते हुए जानवरों की जान के दुश्मन बन गए हो। इसके पहले भी ग्वालियर शहर में एक शिक्षक ने अपने पड़ोसी के कुत्ते को डंडे से पीट-पीटकर मार डाला था ।कुत्ते की गलती बस इतनी थी कि उसने शिक्षक के घर के दरवाजे पर टॉयलेट कर दिया था । डॉगी के टॉयलेट करने से शिक्षक इतना नाराज हो गया कि उसने कुत्ते को पीट पीट कर मार डाला।
पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960
पशु क्रूरता से निपटने के उद्देश्य से पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 का निर्माण भारत की संसद द्वारा किया गया है। इस अधिनियम के माध्यम से पशुओं के प्रति होने वाली क्रूरता को रोकने के संपूर्ण प्रयास किए गए हैं। अधिनियम की धारा 11पशुओं के प्रति क्रूरता के व्यवहार का उल्लेख करती है।
- किसी पशु को पीटना, ठोकर मारना, बहुत ज्यादा सवारी और अधिक बोझ लादना, ऐसा व्यवहार करना जिससे उसे अनावश्यक पीड़ा हो।
- कोई पशु अपनी उम्र, कोई घाव, किसी फोड़े के कारण कार्य करने में असमर्थ हो, उस पशु को फिर भी उस कार्य में लगाया जाना।
- किसी भी पशु को कोई भी नुकसान पहुंचाने वाली दवाई या पदार्थ जानबूझकर खिलाना।
- किसी पशु को ले जाने जैसे किसी गाड़ी मोटर में लेकर जाना जिससे पशु को कष्ट पहुंचे।
- किसी पशु को किसी छोटे पिंजरे में रखना जो पशु के आकार के हिसाब से छोटी हो और पशु को कष्ट पहुंचे।
- किसी पशु को अनुचित या छोटी रस्सी - जंजीर से बांधना जिससे उसे कष्ट पहुंचे।
- पशु का मालिक होने के बाद भी पशु के भोजन पानी की व्यवस्था न करना।
- जानबूझकर पशु को ऐसी जगह छोड़ देना जहां पर उसको दाना पानी खाना नहीं मिले और वह भूखा मर जाए।
- विकलांग, भूखा, बीमार और प्यासे पशु को बाजार में बिक्री के लिए रखना।
- मनोरंजन के लिए दो पशुओं को आपस में लड़ाई कराना जिससे उनको चोट पहुंचे।
- बंदूक से निशाना लगाकर गोली चलाना जिससे पशुओं की मौत हो जाए या घायल हो जाए।
उपरोक्त सभी बातें पशु क्रूरता की श्रेणी में आती हैं। पशु अपराध के लिए यदि पहली बार कोई अपराध करता है तो 25 हजार रुपए से लेकर 1 लाख तक र्माने का प्रावधान है वही दूसरी बार फिर या अपराध कारित होता है तो तीन महीने तक की सजा का प्रावधान है।