कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश, सारे प्रकरणों का होगा युद्ध स्तर पर निराकरण, अफसरों के छुट्टी जाने पर काम की गति धीमी
कलेक्टर के अफसरों को सख्त निर्देश, बोले- अब सीएम हेल्प लाइन पर करो फोकस
इंदौर. लोकसभा चुनाव की वजह से सारा सरकारी महकमा काम पर लगा हुआ था। उसके खत्म होने के बाद कलेक्टर ने सभी को राजस्व के काम पर लगने के निर्देश दिए हैं। साफ कर दिया है कि जल्दी से जल्दी सारे प्रकरण निपटा दिए जाएं। प्राथमिकता पर सीएम हेल्पलाइन को लिया जाए ताकि बवाल न हो।
must read : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए जमकर उठापटक, दो मंत्रियों पर कमल नाथ और सिंधिया में असमंजस हाल ही में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने सभी एसडीएम व तहसीलदारों को एक पत्र जारी करके अपने-अपने काम के प्रति सजग किया है। पीठ थपथपाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में आपने अच्छा काम किया। आचार संहिता की वजह से राजस्व प्रकरणों के निपटारे की गति प्रभावित हुई होगी, अब इन सभी विषयों को सघन अभियान के रूप में लेकर जल्दी से निराकरण किया जाए। राजस्व न्यायालयों में आवेदक, पक्षकार, सीएम हेल्पलाईन व जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति अपने प्रकरणों को लेकर एक आशा के साथ आता है, ऐसे प्रत्येक प्रकरण को पूरी संवेदनशीलता के साथ सुना जाए और परीक्षण के बाद कार्रवाई की जाए। समय सीमा में कार्रवाई कर आवेदनकर्ता को अवगत भी कराया जाए।
must read : जयकारों के बीच किया भगवान महेश का रूद्राभिषेक must read : मां के पास सो रहे बच्चे का अपहरण, तुकोगंज पुलिस ने बचाया उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर ज्यादा फोकस करने के निर्देश दिए हैं ताकि एल-4 यानी मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव स्तर पर गए प्रकरणों का निराकरण सबसे पहले किया जा सके। कहा है कि प्रकरणों का चयन किया जाए और ऐसे प्रकरण जो अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं, उन्हें संबंधित अधिकारी को सौंप दिए जाएं। न्यायालय, न्यायालयीन प्रकृति के प्रकरणों में परीक्षण के बाद प्रकरण दर्ज कर फोर्स क्लोज करने के लिए प्रतिवेदन पेश करें। संतुष्टिपूर्वक निराकरण के लिए आवेदकों को उसकी जानकारी भी देना होगी। लंबित प्रकरणों का न्यायालय क्षेत्रवार विश्लेषण किया जाए। किसी अधिकारी व क्षेत्र से अधिक संख्या वाले शिकायत प्राप्त होने पर विशेष शिविर राजस्व न्यायालय विशेष राजस्व न्यालाय शिविर का आयोजन किया जाए।
-तीन माह से अधिक लंबित नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। -सीमांकन के लंबित प्रकरणों के प्रति दिवस निराकरण व विस्तृत काम योजना, कैलेंडर तैयार किए जाएं, जिसकी सूचना सभी पक्षकारों को भी दी जाए। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन के प्रकरणों का भी प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाए।