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डॉक्टर हड़ताल पर, मरीजों की होती रही फजीहत

locationइंदौरPublished: Jun 17, 2019 09:16:26 pm

डॉक्टरों की हड़ताल : स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में लगी ओपीडी, ओपीडी में जूडा ने जड़ा ताला, एमवाय में खुला, चाचा नेहरू रहा बंद
 

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डॉक्टर हड़ताल पर, मरीजों की होती रही फजीहत

इंदौर. कोलकाता की घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की देशव्यापी हड़ताल के चलते सोमवार को शहर में मरीजों को खासी परेशानी उठाना पड़ी। एमवाय अस्पताल की ओपीडी में जूनियर डॉक्टरों ने ताला जड़ दिया, अधीक्षक ने ताला खुलवाकर वैकल्पिक व्यवस्था की लेकिन वह मरीजों की संख्या के आगे टिक नहीं पाई। चाचा नेहरू अस्पताल की ओपीडी में पूरे समय ताला लगा रहा, मासूमों के इलाज के लिए परिजन भटकते रहे। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निर्देश के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के चलते विभाग के अस्पतालों में ओपीडी लगी, लेकिन डॉक्टरों ने गंभीर मामलों में ही इलाज किया।
आईएमए ने निजी और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सोमवार सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए बहिष्कार की घोषणा की थी। सुबह सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने काले कपड़े पहनकर एमवाय अस्पताल के मुख्य द्वार पर रैली निकालकर प्रदर्शन किया। जूनियर डॉक्टरों ने सुबह 8 बजे एमवाय अस्पताल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की ओपीडी में ताला लगवा दिया। एमवाय अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने ताला खुलवाया और 6 सीएमओ, एसआर और इन सर्विस पीजी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई। यहां ओपीडी में रोजाना 3000 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। हड़ताल के चलते 1793 मरीज ओपीडी पहुंचे, इनमें से भी अधिकतर को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं नहीं मिलीं। सामान्य मरीजों को मेडिसिन विभाग में देखकर दवाएं और जांच लिखी गईं। चाचा नेहरू अस्पताल में बच्चों की ओपीडी लगती है, यहां लगा ताला ओपीडी का समय निकलने के बाद दोपहर दो बजे ही खुला। अस्पताल अधीक्षक डॉ. हेमंत जैन 11 जून से छुट्टी पर हैं। प्रभारी अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी ओपीडी के समय एमवाय अधीक्षक कार्यालय में मौजूद रहीं। अन्य डॉक्टर भी बच्चों का इलाज करने नहीं पहुंचे। सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज के इलाकों से पहुंचे मरीजों को उठाना पड़ी।
ड्यूटी कर बारी-बारी से पहुंचे सरकारी डॉक्टर

मप्र मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने भी आईएमए के समर्थन में ओपीडी सेवाएं नहीं देने की घोषणा की थी। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा पीसी सेठी, हुकुमचंद पॉली क्लीनिक और मल्हारगंज अस्पताल में दौरा करने पहुंचे। उन्होंने ड्यूटी के बाद बारी-बारी एमवाय अस्पताल में चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने की बात कही। आदेश का पालन नहीं करने वाले डॉक्टरों को विभागीय कार्रवाई मंत्री सिलावट को जानकारी देकर करने की चेतावनी दी गई। ऐसे में ओपीडी में आने वाले सामान्य मरीजों को लौटा दिया गया, जबकि गंभीर मामलों में इलाज की व्यवस्था रही। जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा ओपीडी के समय डॉक्टरों की ड्यूटी तयकरने में जुटे रहे।
नुक्कड़ नाटक में बताया डॉक्टरों का दर्द
सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन को डॉ. शेखर राव, डॉ. पूनम माथुर, डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. राहुल रोकड़े, डॉ. नटवर शारदा, डॉ. सतीश जोशी ने संबोधित किया। स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन का वाचन डॉ. संजय लोंढे ने किया। जूनियर डॉक्टर्स ने नुक्कड़ नाटका के माध्यम से चिकित्सकों के साथ हॉस्पिटल में होने वाली घटनाओं को प्रस्तुत किया। जूनियर जूडा अध्यक्ष शशांक सिंह ने प्रदर्शन स्थल पर एमवाय अधीक्षक डॉ. ठाकुर व कार्यवाहक डीन डॉ. केके अरोरा को भी जेडीए की समस्याओं से अवगत कराया और सुरक्षा के लिए पुलिस व होमगार्ड को तैनात करने की मांग की। मंगलवार को डीन डॉ. ज्योति बिंदल से आईएमए, एलुमिनी एसोसिएशन, जेडीए के प्रतिनिधि शाम 4 बजे त्वरित समस्या निदान के लिए भेंट करेंगे।
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