सिंधी कॉलोनी में रहने वाले यश पालीवाल व उनकी बहन जनसुनवाई में ओएलएक्स पर हुई ठगी की शिकायत करने पहुंचे। उन्होंने बताया की वे पढ़ाई कर रहे है। वाहन खरीदने के लिए वह आेएलएक्स पर तलाशने लगे। इस दौरान एक व्यक्ति से उनका फोन पर संपर्क हुआ। जो खुद को आर्मी में पदस्थ होने व जबलपुर में रहने की बात बताने लगा। उसने विश्वास दिलाने के लिए आधार कार्ड, आर्मी कार्ड, पेन कार्ड, फोटा भेजा। लेकिन वाट्सएप डीपी को काला रखा। छात्र के वीडियो कॉल करने पर भी उसने नहीं उठाया। वाहन बेचने वाला कहने लगा की वह बीएसएफ में पदस्थ है इसलिए फोन पर बात नहीं कर सकता। जिस वाहन को खरीदने के लिए छात्र उससे संपर्क करने लगे। उस वाहन को पेकिंग कर ठग ने उसका फोटो उन्हें भेज दिया। फिर इंडियन आर्मी की ट्रांसपोर्ट रसीद भेज दी। फिर उसने पांच हजार रुपए पेटीएम करने को कहा। छात्र ने रसीद देख उसका विश्वास कर लिया और वाहन भेजने के लिए दो हजार रुपए पेटीएम कर दिए। छात्र को फिर किसी अनजान व्यक्ति का फोन आया जिसने वाहन की डिलेवरी लेने को कहा। वह डिलेवरी देने के पूर्व उनसे २३ हजार पेटीएम करने का कहने लगा। छात्र वाहन देखने के बाद ही उक्त राशि डालने की बात पर अड़े रहे। जब डिलेवरी देने वाले शख्स ने मिलने से मना कर दिया तो वे समझ गए कोई फ्रॉड वाहन बेचने के नाम ठगी कर रहा है। मामला सुन रहे एसपी ने छात्रों से पूछा की आपने २३ हजार पेटीएम तो नहीं किए। छात्रों के इंकार करने पर एसपी कहने लगे आप बच गए। सहीं समय पर आप शिकायत करने आए है। मामले की जांच करेंगे।