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गांधी जयंती : बचपन में किताबों में पढ़े ‘बापू’ के आदर्श, अब प्रेरणा लेकर बन गए एंटरप्रेन्योर

locationइंदौरPublished: Oct 02, 2018 01:55:49 pm

Submitted by:

amit mandloi

मंगलवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है।

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गांधी जयंती : बचपन में किताबों में पढ़े ‘बापू’ के आदर्श, अब प्रेरणा लेकर बन गए एंटरप्रेन्योर

इंदौर. पराधीनता की बेडिय़ां तोड़, अंधेरे की काली चादर में लिपटी भारत माता को आजादी की सुबह दिखाने वाले महात्मा गांधी के विचार आज भी क्रांति बनकर युवाओं को प्रेरणा दे रहे हैं। मंगलवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। इस मौके पर हम कुछ ऐसे यंग एंटरप्रेन्योर्स लाए हैं, जिन्होंने बचपन में किताबों में पढ़े उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर अपना स्टार्टअप खड़ा किया है।
गांधी का विचार : पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।

स्टार्टअप : हमें पृथ्वी पर प्लास्टिक की आवश्यकता नहीं है। हम लालच और प्लास्टिक उत्पादों के कारण मदर नेचर को पहले ही बहुत नुकसान पहुंचा चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आइआइएम इंदौर इनक्यूबेटर की सुरभि शाह ने कैराग्रीन स्टार्टअप तैयार किया है। इसमें प्लास्टिक वेस्ट, टेबल वियर, स्टेशनरी और पैकेजिंग प्रोडक्ट्स के लिए बायोडिग्रेडेबल व कम्पोटेबल प्रोडक्ट तैयार किए हैं। सुरभि ने बताया, महात्मा गांधी हमेशा स्वदेशी व स्वच्छता की बात करते थे, इसलिए हमने स्वच्छता को कायम रखने के लिए स्वदेशी प्रोडक्ट्स के लिए काम किया है।
गांधी का विचार : शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है, एक अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।

स्टार्टअप : प्राइवेट सेक्टर में रिटायरमेंट के बाद अधिकांश बुजुर्ग अकेले हो जाते हैं। न सोशल नेटवर्क रहता है न इनकम सोर्स। पूरी जमा-पूंजी अपने बच्चों को सेटल करने में खपा देने वाले बुजुर्ग अंत में बेसहारा हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यंग एंटरप्रेन्योर नुपूर सिंह ने रिइन्वेंट ऑन की शुरुआत की। नुपूर का यह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म रिटायर्ड लोगों को उद्योगों से जोडऩे में मदद करता है। इससे रिटायर्ड लोग अपनी स्किल्स को अपडेटेड रखते हैं, स्वावलंबी होते हैं और लगातार काम करने से स्वस्थ्य भी रहते हैं। इस स्टार्टअप को मप्र स्टार्टअप यात्रा में थर्ड वुमन स्टार्टअप का अवॉर्ड मिल चुका है। वे एमपी की टॉप-९ वुमन एंटरप्रेन्योर में शामिल हैं।
गांधी का विचार : आर्थिक समानता ही अहिंसा को जन्म दे सकती है।

स्टार्टअप : देश में अमीर और गरीब की खाई और गहरी हो गई है। इससे प्रेरणा लेकर प्रेरणा केलवा ने इजी लोन्स इंडिया की परिकल्पना की। इस डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये समाज के सभी वर्गों को आसान और सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलवाने में मदद की जाती है। प्रेरणा कहती है कि हमारा उद्देश्य लोन पर कमीशन प्राप्त करना नहीं है, बल्कि सभी को जरूरत के समय पैसा उपलब्ध कराना और आर्थिक समभाव स्थापित करना है। इस स्टार्टअप को आइआइएम बेंगलुरु ने देश की शीर्ष 100 महिला उद्यमियों में स्थान दिया। प्रेरणा केलवा के मुताबिक देश का विकास सभी की भागीदारी से ही संभव है। बैंक सिर्फ अमीरों के लिए ही नहीं होती।
वृद्धों के बीच पहुंचे ‘महात्मा’, हमेशा खुश रहने का दिया संदेश

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 वल्र्ड ओल्डर पीपल्स डे के मौके पर ‘महात्मा गांधी’ परदेशीपुरा स्थित आस्था वृद्धाश्रम पहुंचे। उन्होंने यहां हमेशा खुश रहने का संदेश दिया और कहा, प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिडक़ते हैं तो कुछ बूंदे आप पर भी पड़ती हैं। आश्रम में रहने वाले वृद्धों की खुशी के लिए अंकित इंगले व कार्तिक इंगले महात्मा के रूप में पहुंचे और कुछ पल साथ बिताए।
गांधी के इंदौर में बिताए पल अब राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय में बढ़ाएंगे शोभा

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महात्मा गांधी द्वारा इंदौर में बिताए कुछ सुनहरे पलों की यादें अब राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय नई दिल्ली की शोभा बढ़ाएंगे। गांधी की पहली इंदौर यात्रा के 100 साल पूरे होने पर जफर अंसारी ने अपने म्यूजियम ऑफ इंदौर के संग्रह से संग्रहालय को दो दुर्लभ मूल चित्र भेंट किए हैं। पहले फोटो में कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी के चरण धोते हुए हैं और दूसरा फोटो कस्तूरबा गांधी का धागे से बना चित्र है, जिसे 1935 में इंदौर की महिलाओं ने तैयार किया था। संग्रहालय निदेशक अन्नमलाई ने कहा, ये बहुमूल्य चित्र अब संग्रहालय में जल्द ही प्रदर्शित किए जाएंगे। 1918 में इंदौर में आयोजित अष्टम हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए महात्मा गांधी पधारे थे।
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