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रजिस्ट्रेशन नहीं होने से निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने को मजबूर छात्र

locationइंदौरPublished: Jul 08, 2019 02:07:24 pm

डीएवीवी: बेपटरी हुई ऑनलाइन काउंसलिंग, चार दिन में भी अपडेट नहीं हो सका सॉफ्टवेयर

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रजिस्ट्रेशन नहीं होने से निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने को मजबूर छात्र

इंदौर. शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक सप्ताह बाद भी सरकारी कॉलेजों में हलचल नजर नहीं आ रही। उच्च शिक्षा विभाग की पहली काउंसलिंग में गिनती की सीटें भर पाई हैं। दूसरा चरण 3 जुलाई से शुरू होना था, लेकिन 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण के कारण विभाग ने काउंसलिंग प्रक्रिया रोक दी। सीटें बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा है। इस देरी से परेशान छात्र-छात्राएं मजबूरी में निजी अल्पसंख्यक कॉलेजों में एडमिशन ले रहे हैं।
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देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्ध करीब 150 कॉलेजों में यूजी और पीजी के परंपरागत कोर्स संचालित होते हैं। ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए 115 निजी और सरकारी कॉलेजों में एडमिशन हो रहे है। बाकी कॉलेज अल्पसंख्यक संस्थान होने से काउंसलिंग से मुक्त हैं। इन कॉलेजों ने तो बारहवीं का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही यूजी कोर्स में एडमिशन शुरू कर दिए थे। बड़ी संख्या में छात्र सरकारी या गैर-अल्पसंख्यक कॉलेज में एडमिशन चाहते हैं। इन्होंने पहली काउंसलिंग में हिस्सा लिया, लेकिन आधे से भी कम को पसंद के कॉलेज मिले। ऑनलाइन काउंसलिंग में शामिल होने वाले कॉलेजों में होलकर साइंस कॉलेज, जीएसीसी, ओल्ड जीडीसी, न्यू जीडीसी, न्यू साइंस कॉलेज, श्री क्लॉथ मार्केट गल्र्स कॉलेज, सुगनीदेवी कॉलेज, एनी बेसेंट कॉलेज, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज प्रमुख हैं।
एक-दो दिन में सीटें बढ़ाने के बाद लिंक शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन पांचवें दिन भी छात्र इंतजार ही करते रहे। छात्रों की चिंता यह है कि अगर दूसरी काउंसलिंग में भी पसंद का कॉलेज नहीं मिलने तक अल्पसंख्यक कॉलेजों की सीटें भी फुल हो जाएगी।
आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था लागू हो चुकी है। इसे लेकर यूनिवर्सिटी ने भी 2019-20 के लिए सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीईटी में शामिल कोर्स के साथ ही अन्य कोर्स की सीटें भी करीब 25% तक बढ़ेंगी। नियमानुसार सवर्ण आरक्षण इस तरह से लागू होगा, जिससे बाकी आरक्षण प्रभावित नहीं हो। अभी यूटीडी के 28 विभाग में करीब 4500 सीट है। सवर्ण आरक्षण लागू करने से करीब 1100 सीटों की वृद्धि और होना है। हालांकि, अभी शासन से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए है।
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