must read : हेडमास्टर ने कर ली दूसरी शादी, पत्नी से बोला काम में हाथ बंटाने के लिए लाया हूं छात्रों का कहना है, ड्रॉप लेकर सालभर सीईटी की तैयारी की थी। सीधे काउंसलिंग होने से खास विषय वाले एडमिशन में फायदा उठा जाएंगे। ज्यादातर एमबीए कोर्स सीईटी की पहली ही काउंसलिंग में फुल हो जाते हैं। इसके लिए बीबीए, बीकॉम, बीई, बीएससी सहित अन्य यूजी कोर्स वालों में कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है। अर्ह परीक्षा के अंकों आधार पर काउंसलिंग होने से सीधे तौर पर इंजीनियरिंग और साइंस बैकग्राउंड वालों को नुकसान उठाना होगा क्योंकि तुलनात्मक रूप से इन कोर्स के अंक बीबीए और बीकॉम वालों से कम होते हैं। छात्र सीईटी निरस्त करने के फैसले से नाराज हैं।
यूजी कोर्स में बोर्ड का अंतर यूजी और इंटीग्रेटेड कोर्स में भी एडमिशन में पारदर्शिता होना मुश्किल है। शहर के स्कूलों में ही एमपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की परीक्षा हो रही है। एक ही स्तर के छात्र इन परीक्षाओं में अलग-अलग नंबर लाते हैं। देशभर के सेंटरों पर सीईटी देने वालों को मौका देने से वहां के स्थानीय बोर्ड के छात्र भी कोर्स की दावेदारी करेंगे। रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि इस सत्र में दोबारा सीईटी कराना मुश्किल है।
must read : बैटकांड – विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपनी करतूत पर भाजपा से ऐसे मांगी माफी कुलपति के लिए अनशन जारी कुलपति नियुक्त करने की मांग को लेकर डीएवीवी परिसर में पूर्व कार्य परिषद सदस्य अजय चौरडिय़ा का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। शाम को डॉक्टर ने चौरडिय़ा की मेडिकल जांच की। भाजपा नेता बालकृष्ण अरोरा, कांग्रेस नेता दीपक जोशी, अभिजीत पांडे, प्रो.लक्ष्मण शिंदे, एनएसयूआई के महक नागर, कर्मचारी नेता दीपक सोलंकी आदि ने उनसे चर्चा की।
must read :इंदौर-दुबई फ्लाइट: अब शारजाह और आबूधाबी तक मुफ्त सफर कर सकेंगे यात्री विक्रम विवि कुलपति नियुक्ति पर फैसला आज विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति चयन को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को फैसला आएगा। राजभवन द्वारा की गई डॉ. बालकृष्ण शर्मा की नियुक्ति सही है या नहीं तय हो जाएगा। इसके आधार पर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति का रास्ता भी साफ होने की उम्मीद है।