पत्रिका ने गुरुवार के अंक में आइइटी में जूनियर छात्रों से रैगिंग का मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद गुरुवार को ही प्रबंधन ने एंटी-रैगिंग कमेटी के सदस्यों से अपने स्तर पर जांच शुरू कराई। शुक्रवार को कमेटी के सदस्यों ने कुछ छात्रों के बयान लिए। दरअसल, पीडि़त ने दो सप्ताह पहले आइइटी डायरेक्टर प्रो. संजीव टोकेकर सहित १० से ज्यादा फैकल्टी को इ-मेल पर रैगिंग की शिकायत की थी। पीडि़त ने बताया था, सेकंड इयर वाले छात्रों के नाम से पहले श्री और थर्ड इयर वालों के नाम से पहले श्री श्री लगाना जरूरी है। इतना ही नहीं, कुछ सीनियर छात्र बाहर से नशे की सामग्री लाने के लिए भी मजबूर करते है। इनकार करने वाले जूनियरों की पिटाई करते हैं। प्रबंधन इसकी जांच से बच रहा था। मीडिया में मुद्दा उठने के बाद कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ ने जांच व सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रभारी डायरेक्टर डॉ. अजय तिवारी ने जांच का जिम्मा अनुशासन समिति को सौंपा। कुछ सीनियर छात्रों ने पूछताछ में स्वीकारा, संस्थान में लंबे समय से रैगिंग चल रही थी। वे इसलिए इसमें शामिल थे, क्योंकि आइइटी में यह सिस्टम पहले से बना हुआ है।