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उप जिला मूल्यांकन समिति ने गाइड लाइन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव किए तैयार, 300 से ज्यादा लोकेशन होंगी कम

locationइंदौरPublished: Feb 10, 2022 06:34:36 pm

जियो टैगिंग के लिए हो रही नई कवायद, इससे दरों की विसंगति होगी कम, निवेश क्षेत्र में शामिल 79 गांवों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री में भी आएगा बदलाव
 

उप जिला मूल्यांकन समिति ने गाइड लाइन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव किए तैयार, 300 से ज्यादा लोकेशन होंगी कम

उप जिला मूल्यांकन समिति ने गाइड लाइन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव किए तैयार, 300 से ज्यादा लोकेशन होंगी कम

ptoperty guideline. पंजीयन विभाग ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नई गाइड लाइन बनाने की कवायद शुरू कर दी है। उप जिला मूल्यांकन समिति ने प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार कर लिए है। जल्द ही इनको जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में रखा जाएगा। विभाग द्वारा संपदा पोर्टल को और बेहतर बनाने के लिए संपत्तियों की जियो टैगिंग करते हुए आन लाइन ही गाइड लाइन तैयार की जा रही है। इस प्रयोग से शहर की गाइड लाइन में स्थित 43०० लोकेशन में कमी की जाएगी। इस नई कवायद के लिए फिलहाल 300 के करीब लोकेशन कम करते हुए इन्हें समीप की लोकेशन में विलोपित किया गया है। साथ ही नए मास्टर प्लान और महानगर एरिया के अनुरूप भी विचार किया जा रहा है।
कोरोना महामारी के बाद रियल इस्टेट बाजार में बूम के बाद सभी को उम्मीद है, सरकार इस बार भी गाइड लाइन में बहुत ज्यादा बढ़ौतरी नहीं करेगी। इंदौर जिले में भी बढ़ौतरी प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। उप जिला मूल्यांकन समिति द्वारा इन पर प्रारंभिक रूप से विचार विमर्श भी करते हुए अंतिम प्रारूप बन रहा है। जल्द ही कलेक्टर मनीषसिंह की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। विभागीय अफसरों की जानकारी के अनुसार इस बार नया प्रयोग कर गाइड लाइन के प्रारूप में बदलाव लाया जा रहा है। इसे आन लाइन तैयार करते हुए संपत्तियों की जियो टैंगिंग की जा रही है। जिससे शहर में संपत्ति की लोकेशन, स्थिति को आसानी से पता किया जा सकेगा। इस कवायद से गाइड लाइन में तय लोकेशन में भी कमी आएगी। वर्तमान में जिले के चारों सर्कल से ३०० लोकेशन कम किए जाने के प्रस्ताव है। कुछ नए क्षेत्र भी शामिल किए जा रहे हैं।
79 गांव का निवेश क्षेत्र होगा शामिल

इस बार नया मास्टर प्लान भी तैयार हो रहा है। इसके चलते निवेश क्षेत्र में बदलाव किया गया है। इसमें 79 नए गांव शामिल किए है। इससे कृषि भूमि के लिए तय तालिकाओं के गांवों में भी बदलाव आएगा। इनमें गांवों की संख्या में बढ़ौतरी होगी, जिससे कृषि भूमि की रजिस्ट्री के उपबंध बदलेंगे।
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