सूत्रों के मुताबिक, सोयाबीन डीगम कांडला का भाव 1985-1990 डॉलर हो गया है जिससे इसका आयात महंगा पड़ रहा है। यह सोयाबीन डीगम का अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। वहीं घरेलू मंडियों में सरसों की आवक घटकर पांच लाख बोरी रह गई है। तिलहन कारोबारियों के पास सरसों का पहले से स्टॉक नहीं है। रिफाइंड तेल बनाने के लिए मिलों की तरफ से सरसों की मांग तेज बनी सरसों हुई है क्योंकि यह सस्ता होने के साथ गुणवत्ता में भी अच्छा माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि घरेलू स्तर पर तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर ही विदेशी बाजारों के असर को कम किया जा सकता है।
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तेल-तिलहनों की थोक कीमतें
लूज तेल ( प्रति दस किलो) : इंदौर मूंगफली तेल 1670 से 1680, मुंबई मूंगफली तेल 1675, इंदौर सोयाबीन रिफाइंड 1620 से 1625, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 1600 से 1605, मुंबई सोया रिफाइंड 1600 से 1610, मुंबई पाम तेल 1535, इंदौर पाम 1651, राजकोट तेलिया 2590, गुजरात लूज 1625, कपास्या तेल इंदौर 1600 से 1605 रुपए।
तिलहन: सरसों 6600 से 6800, रायड़ा 6200 से 6400, सोयाबीन ₹7500 से 7645 रुपए क्विंटल। सोयाबीन डीओसी स्पॉट 59000 से 61500 रुपए टन।
प्लांटों के सोयाबीन भाव - महाकाली 7750, कास्ता 7700, इटारसी 7500।