30 दशक तक इंदौर की राजनीति में सिरमौर रहीं सुमित्रा महाजन को इस बार टिकट नहीं मिला। ताई के चुनाव न लडऩे की घोषणा के बाद समर्थक मायूस हो गए, क्योंकि उनकी राजनीति ताई के बूते पर ही चलती थी। समर्थकों को भी समझ में आ गया है कि ताई अब सक्रिय राजनीति से दूर हो जाएंगी। संगठन में भी एक हद तक ही उनका हस्तक्षेप रह जाएगा। उनके समर्थकों ने नए आकाओं की तलाश शुरू कर दी है।
देडग़े साध रहे लालवानी को
एमआईसी सदस्य सुधीर देडग़े ने भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी से संपर्क तेज कर दिया। हालांकि उनके संबंध महापौर मालिनी गौड़ से भी अच्छे हैं। ताई के कई ओर भी समर्थक हैं जो मोर्चा प्रकोष्ठ में हैं, उन्होंने भी अन्य नेताओं से संबंध सुधारना शुरू कर दिए।
एमआईसी सदस्य सुधीर देडग़े ने भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी से संपर्क तेज कर दिया। हालांकि उनके संबंध महापौर मालिनी गौड़ से भी अच्छे हैं। ताई के कई ओर भी समर्थक हैं जो मोर्चा प्रकोष्ठ में हैं, उन्होंने भी अन्य नेताओं से संबंध सुधारना शुरू कर दिए।
नरूका दो नंबरी खेमे में
ताई के खास समर्थक अजयसिंह नरूका की क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया से पटरी नहीं बैठती, लेकिन ताई ने दो बार न सिर्फ पार्षद का टिकट, बल्कि पहली बार एमआईसी सदस्य तो दूसरी बार सभापति जैसा महत्वपूर्ण पद भी दिलाया। निगम चुनाव में पांच महीने बचे हैं और बाबा की तोड़ के लिए नरूका ने दादा यानी दो नंबर के विधायक रमेश मेंदोला को साधना शुरू कर दिया। वे लगातार मेंदोला के संपर्क में नजर आ रहे हैं।
ताई के खास समर्थक अजयसिंह नरूका की क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया से पटरी नहीं बैठती, लेकिन ताई ने दो बार न सिर्फ पार्षद का टिकट, बल्कि पहली बार एमआईसी सदस्य तो दूसरी बार सभापति जैसा महत्वपूर्ण पद भी दिलाया। निगम चुनाव में पांच महीने बचे हैं और बाबा की तोड़ के लिए नरूका ने दादा यानी दो नंबर के विधायक रमेश मेंदोला को साधना शुरू कर दिया। वे लगातार मेंदोला के संपर्क में नजर आ रहे हैं।