इंदौर @ सुमित एस. पांडेय
शिक्षा विभाग की सुपर-100 स्कीम अभावग्रस्त होनहार विद्यार्थियों के लिए करियर की नई राह खोल रही है। पांच साल में यहां के करीब 40 विद्यार्थियों ने सीए, मेडिकल और इंजीनियरिंग में सफलता हासिल की है।
हाई स्कूल में 80-85 फीसदी माक्र्स लाकर भी संसाधन व मार्गदर्शन के अभाव से जूझ रहे विद्यार्थियों को सुपर-100 से काफी राहत मिली है। पटना में संचालित आनंद कुमार की सुपर-30 की तर्ज पर गसत्र 2011-12 में भोपाल के सुभाष हायर सेकंडरी स्कूल (उत्कृष्ट स्कूल) से शुरुआत की गई। अगले सत्र 2012-13 से इंदौर में मल्हार आश्रम हायर सेकंडरी स्कूल में सुपर-100 की शुरुआत हुई। पांच साल में यह स्कीम प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए सफलता की गारंटी बन गई है। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद निकलने वाले विद्यार्थी हर साल डॉक्टर, इंजीनियर और सीए की परीक्षाएं पास कर रहे हैं।
सुपर-100 ग्रामीण अंचल के गरीब विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रही है। एक बार सुपर-100 में प्रवेश के बाद सारी सुविधाएं शिक्षा विभाग व स्कूल उपलब्ध कराता है। स्पेशल कोचिंग, बोर्डिंग के साथ दो साल तक विशेष तैयारी कराई जाती है। इसके लिए शिक्षा विभाग एक कोचिंग संस्थान को चुनता है, जो उन्हें इंजीनियरिंग व मेडिकल
की परीक्षाएं पास करने की तकनीक व ट्रिक्स सिखाता है। हर साल 5-8 विद्यार्थियों का सिलेक्शन आईआईटी, एनआईटी और एम्स जैसे संस्थानों में हो रहा है।
खास प्रक्रिया से गुजरते हैं विद्यार्थी
बुधवार को 1.30 बजे फिजिक्स की क्लास ले रहे राजेश सेठिया ने बताया, विद्यार्थियों को रेगुलर फैकल्टी के साथ प्राइवेट कोचिंग संस्थान की विशेषज्ञ फैकल्टी से पढ़ाई कराई जाती है। इस तरह का माहौल विकसित किया गया है कि विद्यार्थी मानसिक रूप से बड़ी परीक्षाओं के लिए तैयार हो सकें। उन्हें यह अहसास कराया जाता है कि वह सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी हैं। उनकी कक्षाएं सुबह 8 बजे से शुरू होती हैं, फिर अलग -अलग शेड्यूल में पढ़ाई चलती रहती है।
एेसे होता है सिलेक्शन
यहां प्रदेशभर के सभी जिलों से हरेक ग्रुप के दो-दो टॉपर्स का सिलेक्शन सुपर-100 के लिए किया जाता है। प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई तक बंद कर दी जाती है। हरेक जिले से टॉपर्स की लिस्ट भोपाल भेजी जाती है। इसके बाद शिक्षा विभाग भोपाल और इंदौर के सुपर-100 स्कूलों में विद्यार्थियों को उनके ग्रुप्स के हिसाब से एडमिशन के लिए भेज देता है।
&सुपर-100 का उद्देश्य प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग व मेडिकल की प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करना है। हम इस लक्ष्य में अब तक सफल रहे हैं। इसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।