उधर, सोसायटियों के जरिए किसानों को ऋण भुगतान के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। राशि जमा करने की अंतिम तारीख 28 मार्च तय की गई है। सरकार के इस फैसले पर किसानों ने नाराजगी जताई है। किसान भारत यादव, जगदीश यादव, मिश्रीलाल यादव आदि ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहंू-चना की खरीदी अभी खटाई में है। ऐसे में वह 28 मार्च तक सोसायटी का भुगतान कहां से करेगा। समाधान की मांग भी की है।
कहां क्या बंदोबस्त: कृषि विभाग की मानें तो इस बार जिले में गेहंू के लिए 92 और चने के लिए 18 केंद्र बनाए हैं। यह ऐसे स्थान हैं जहां भंडारण की व्यवस्था है, लेकिन इसके बाद भी परेशानियां हो सकती है। बीते वर्ष भी केंद्रों पर पूरी व्यवस्था की बात कही गई थी, लेकिन बारिश में उपज खराब हुई थी। तिरपाल तक का बंदोबस्त केंद्रों पर नहीं था।
गेहंू : बारिश होने से गेहंू की उपज चमक विहिन होगी। इससे समर्थन मूल्य में बेचने के दौरान परेशानी होगी। क्योंकि चमक वाले गेहंू को मानक में लिया है।
चना : बारिश और ओलावृष्टि के चलते चने की उपज जो कट चुकी है, वह बिखरेगी। उत्पादन पर असर पड़ेगा। पानी के चलते क्वालिटी भी गिरेगी।
उद्यानिकी फसलें : ओलावृष्टि के चलते उद्योनिकी फसलों को भी काफी नुकसान हुआ। ओले गिरने से तरबूत, ककड़ी आदि उपज खराब हो गई।
तहसील गेहंू चना
कसरावद 8036 3962
महेश्वर 7525 3095
भीकनगांव 7050 2518
गोगांवा 5897 1290
सनावद 3751 4759
बड़वाह 5170 2246
खरगोन 3103 3486
भगवानपुरा 2812 265
झिरन्या 2695 526
सेगांव 1682 1290
खरगोन नगर 1089 447
कुल 48810 23884