इंदौर. नगर निगम सीमा में 29 गांव शामिल किए जाने के मामले में मप्र सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है। इसके चलते नोटिफिकेशन संबंधी सरकार के निर्णय इंदौर हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश अनुसार अवैध हो गए हैं। 11 नवंबर 2014 को जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता अनिल त्रिवेदी की जनहित याचिका स्वीकार कर शासन द्वारा किए गए 29 गांव के नोटिफिकेशन को अवैध घोषित कर दिया था। इस निर्णय के विरुद्ध शासन सुप्रीम कोर्ट गया था। वहां से मिले एक्स पार्टी स्टे के बाद शासन ने इन 29 गांवों को शहर सीमा में शामिल कर 69 की बजाय 85 वार्ड बनाकर इंदौर नगर निगम के चुनाव भी करा लिए थे। इसके बाद याचिकाकर्ता त्रिवेदी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने तर्क रखे थे। त्रिवेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने शासन की उक्त एसएलपी खारिज कर दी है। इसके चलते इंदौर हाई कोर्ट का 11 नवंबर 2014 का वह आदेश प्रभावशील हो गया है, जिसमें 29 गांव शहर सीमा में शामिल किए जाने के नोटिफिकेशन को अवैध माना गया था।
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