बीआरटीएस को लेकर यह अध्ययन 2017-18 में किया गया। इसके बाद सुधार रिपोर्ट बीआरटीएस को दी गई, जिसके बाद कई सुधार किए गए। सर्वे में बसों के परिचालन, परिधि और बीआरटीएस की विशिष्ट सेवाओं को आधार बनाकर कुल सात बिंदुओं पर रिसर्च की गई। इसमें तीन प्रमुख बिंदुओं में सुरक्षा और विश्वसनीयता, सेवा का स्तर और आराम व वहनीयता (अफोर्डेबिलिटी) रहे।
‘सर्विस क्वालिटी एवोलुशन ऑफ पब्लिक ट्रांजिट इन इमर्जिंग इकोनॉमी लार्ज सिटीजÓ केस स्टडी ऑफ इंदौर ‘बीआरटीएसÓ विषयक रिसर्च पेपर को 15-16 अक्टूबर को जैक वेल्च कॉलेज ऑफ बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी, सेक्रेड हार्ट यूनिवर्सिटी, फेयरफील्ड में पेश किया गया।
2017-18 में किए गए इस अध्ययन में 962 लोगों से बात की गई। कई बिंदुओं पर सवाल पूछे गए। एक रिपोर्ट तैयार कर बीआरटीएस प्रबंधन को दी गई, जिसमें नौ बिंदुओं पर सुधार की सिफारिश की गई थी। इसी आधार पर बीआरटीएस ने कई सुधार किए।
सर्वे में बीआरटीएस के यात्रियों से संवाद कर पांच बिंदुओं पर आधारित 28 मुद्दों पर चर्चा की गई। लोक परिवहन में सुरक्षा, ट्रैफिक जाम में सुधार, दुर्घटनाओं में कमी, महिलाओं-युवाओं की पसंद आदि पर विचार जाने। इसके सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन किया गया।