scriptखामियों व खूबियों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण में महू कैंटबोर्ड की ओर से टाॅप थ्री में जगह बनाने के प्रयास | swachta sarvekshan 2021 Mhow cantboard try to get in top 3 | Patrika News

खामियों व खूबियों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण में महू कैंटबोर्ड की ओर से टाॅप थ्री में जगह बनाने के प्रयास

locationइंदौरPublished: Feb 12, 2021 04:38:51 pm

Submitted by:

Naim khan

-एक मार्च से शुरू होगा स्वच्छता सर्वेक्षण

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डाॅ. आंबेडकरनगर महू. स्वच्छता सर्वेक्षण में की शुरूआत में करीब 20 दिन बचे हैं, जिसे लेकर कैंटबोर्ड की ओर से तैयारी जारी हैं। और प्रयास हैं कि पिछली रैकिंग में सुधारकर टाॅप थ्री में जगह बनाई जाए। हालांकि स्वच्छता को लेकर शहर में खूबी व खामियां की स्थिति कायम हैं। सौंदर्यीकरण को लेकर बेहतर कार्य हुए हैं और इससे रैकिंग में सुधार की उम्मीद है तो ओपन अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने से निगेटिव मार्किंग की आशंका है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में तीन साल पहले देशभर की छावनियों को भी शामिल किया गया। और देश के 62 कैंटबोर्ड की इसमें अलग कैटेगरी है। जिसमें महू कैंटबोर्ड की रैकिंग साल दर साल सुधरती गई। सबसे पहले महू कैंटबोर्ड 33वें स्थान पर रहा। तो इसके बाद 22वें पर आया और पिछले साल देशभर ही छावनियों में सातवीं पाॅजिशन हासिल की। इस बार कैंटबोर्ड प्रबंधन को उम्मीद है कि टाॅप तीन में स्थान मिलेगा। जिसे लेकर तैयारियां भी जारी हैं। उधर, शहर में करीब तीन सालों से सफाई व्यवस्था ठेके पर है और सफाई पर मोटी राशि खर्च की जा रही है। हालांकि कैंटबोर्ड अफसरों का मानना है कि अभी 165 सपफाई कर्मचारी कार्यरत हैं जबकि 20 साल पहले भी संख्या इतनी ही थी। जबकि जनसंख्या की बढ़ोतरी व नए क्षेत्रों में भी आबादी का विस्तार हुआ लेकिन उस हिसाब से सफाई कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी। ये भी मानना है कि अन्य नगरीय निकायों को स्वच्छता को लेकर राज्य व केंद्र सरकारों से जितनी फंडिंग होती है, उस मान से कैंटबोर्ड को बजट नहीं मिलता।
इससे सुधरेगी रैकिंग
-शहरभर में कैंटबोर्ड की ओर से सौंदर्यीकरण के लिहाज से जगह-जगह वाॅल पेटिंग की, शौचायलों पर भी पेटिंग कर स्लोग लिखे जा रहे हैं।
-वेस्ट मटेरियल से नवाचार करते हुए हैं विभिन्न कलाकृतियां तैयार कर सेल्फी पाइंट बनाया, गार्डनों की स्थिति बेहतर।
-सुबह व शाम दो बार डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, यूजर्स चार्जेस भी लागू हुए, जिसके के लिए भी मार्किंग होगी, 12 से अधिक सार्वजनिक शौचालयों को बेहतर किया जा रहा।
-ट्रेचिंग मैदान पर कचरे की रिसाइकिलिंग के लिए ट्रीटमेंट प्लांट मौजूद, यहां शहरभर से रोजाना निकल रहे 40 से 45 टन कचरे की रिसाइकिलिंग कर खाद भी बनाई जा रही।
रैकिंग सुधार में ये खामियां रोड़ा
-अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम नहीं है और खुली नालियों के कारण गंदगी की समस्या कायम। साथ ही नालियां कचरे से भरी हुई हैं।
-घर-घर कचरा कलेक्शन के बावजूद कचरा पेटियां की व्यवस्था को खत्म नहीं किया व जगह-जगह रखी छोटी-बड़ी कचरा पेटियों के आसपास गंदगी फैली हुई।
-नालियों में बहते गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है, साथ फीकल ट्रीटमेंट प्लांट का भी अभाव।
– जगह-जगह सड़कों पर मवेशियों का डेरा व उनके द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है, जिस पर गंभीरता से काम नहीं किया गया।
टाॅप थ्री में आने के रहेंगे प्रयास
वर्जन
एक मार्च से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा, हमारी डाक्युमेंटेशन की तैयारी पूरी है, साथ ही जगह-जगह वाॅल पेटिंग, शौचालय पर पेटिंग व स्लोगन लेखन का काम किया जा रहा है। सौंदर्यीकरण के अलावा अन्य चीजों पर काफी काम किए गए हैं। इस बार टाॅपर थ्री में आने के प्रयास रहेंगे।-मनीष अग्रवाल, सेनेटरी सुप्रीटेंडेंट
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