रैकिंग सुधार में ये खामियां रोड़ा
-अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम नहीं है और खुली नालियों के कारण गंदगी की समस्या कायम। साथ ही नालियां कचरे से भरी हुई हैं।
-घर-घर कचरा कलेक्शन के बावजूद कचरा पेटियां की व्यवस्था को खत्म नहीं किया व जगह-जगह रखी छोटी-बड़ी कचरा पेटियों के आसपास गंदगी फैली हुई।
-नालियों में बहते गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है, साथ फीकल ट्रीटमेंट प्लांट का भी अभाव।
– जगह-जगह सड़कों पर मवेशियों का डेरा व उनके द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है, जिस पर गंभीरता से काम नहीं किया गया।
-अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम नहीं है और खुली नालियों के कारण गंदगी की समस्या कायम। साथ ही नालियां कचरे से भरी हुई हैं।
-घर-घर कचरा कलेक्शन के बावजूद कचरा पेटियां की व्यवस्था को खत्म नहीं किया व जगह-जगह रखी छोटी-बड़ी कचरा पेटियों के आसपास गंदगी फैली हुई।
-नालियों में बहते गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है, साथ फीकल ट्रीटमेंट प्लांट का भी अभाव।
– जगह-जगह सड़कों पर मवेशियों का डेरा व उनके द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है, जिस पर गंभीरता से काम नहीं किया गया।
टाॅप थ्री में आने के रहेंगे प्रयास
वर्जन
एक मार्च से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा, हमारी डाक्युमेंटेशन की तैयारी पूरी है, साथ ही जगह-जगह वाॅल पेटिंग, शौचालय पर पेटिंग व स्लोगन लेखन का काम किया जा रहा है। सौंदर्यीकरण के अलावा अन्य चीजों पर काफी काम किए गए हैं। इस बार टाॅपर थ्री में आने के प्रयास रहेंगे।-मनीष अग्रवाल, सेनेटरी सुप्रीटेंडेंट
वर्जन
एक मार्च से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा, हमारी डाक्युमेंटेशन की तैयारी पूरी है, साथ ही जगह-जगह वाॅल पेटिंग, शौचालय पर पेटिंग व स्लोगन लेखन का काम किया जा रहा है। सौंदर्यीकरण के अलावा अन्य चीजों पर काफी काम किए गए हैं। इस बार टाॅपर थ्री में आने के प्रयास रहेंगे।-मनीष अग्रवाल, सेनेटरी सुप्रीटेंडेंट