मंगलवार को संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने जिले में स्वाइन फ्लू की स्थिति पर समीक्षा बैठक में निजी अस्पतालों के अमानवीय व्यवहार के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग को जांच के निर्देश दिए। सीएचएमओ प्रवीण जडि़या ने बुधवार को निजी अस्पतालों से एमवाय अस्पताल भेजे मरीजों की जानकारी बुलाई। पांच मरीजों में 4 बॉम्बे हॉस्पिटल और 1 अरिहंत हॉस्पिटल का है। इसमें नाम बढऩे की आशंका है, क्योंकि यह सूची तीन माह में आए मरीजों की है। जिले में स्वाइन फ्लू से 40 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। रोज एक-दो पीडि़तों के नाम सामने आ रहे हैं।
संभागायुक्त ने सीएमएचओ से निजी अस्पताल में एक दिन के खर्च की गणना करने के लिए कहा है। एक ही बीमारी के इलाज के लिए भिन्न अस्पतालों में अलग-अलग खर्च होता है। खर्च सीमा सभी की सहमति से तय हो सकती है।
संभागायुक्त ने सीएमएचओ से निजी अस्पताल में एक दिन के खर्च की गणना करने के लिए कहा है। एक ही बीमारी के इलाज के लिए भिन्न अस्पतालों में अलग-अलग खर्च होता है। खर्च सीमा सभी की सहमति से तय हो सकती है।
मरीजों की स्थिति रिपोर्ट -21 फरवरी को अरिहंत अस्पताल में भर्ती पीडि़ता 9 दिन वहां रही। सुधार नहीं होने पर एमवायएच लाया गया। यहां 4 मार्च को मौत हो गई।
-16 फरवरी को बॉम्बे हॉस्पिटल में महिला तो भर्ती किया। 8 दिन बाद एमवायएच भेजा। 23 को भर्ती करने के बाद 26 को मौत हो गई।
-5 मार्च को बॉम्बे हॉस्पिटल में पुरुष मरीज को दाखिल किया। दो दिन बाद एमवायएच लाए. 12 मार्च को मौत हो गई।
-7 मार्च को बॉम्बे हॉस्पिटल में महिला को भर्ती कियाा। 5 दिन इलाज के बाद 11 मार्च को एमवायएच में मौत हो गई।
-महिला मरीज को बॉम्बे हॉस्पिटल लाया गया। 10 दिन इलाज कर एमवाय भेजा गया, जहां दो दिन बाद मौत हो गई।