दाऊदी बोहरा समाज के 53 वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना आलीकदर मुफ्फद्दल गुरुवार को सांघी ग्राउंड पर पहुंचे तो बंद आंखों से उनके आगे शीश नवाने वाली लाखों आंखों से अश्रुधारा बह निकली। सैयदना के मंच पर आते ही मौला-मौला की सदाओं से पंडाल गूंज उठा। सैयदना साहब ने मंच से हाथ उठाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया। अशरा मुबारका की वाअज के लिए इंदौर आए सैयदना साहब ने कहा कि देश-विदेश से आए मेहमानों की मेहमान नवाजी करें। उज्जैन से इंदौर आते वक्त मंैने देखा काफी हरियाली है। हरियाली और सफाई देखकर खुशी हुई। इंदौर बहुत साफ शहर है। इसकी तरह अपने दिलों को नेक नीयत से साफ रखें। विशाल मंच पर जहां सैयदना बैठे थे उस कालीन को चूमने के लिए कतार लग गई।
स्वच्छता की हैट्रिक के लिए मांगा आशीर्वाद इस मौके पर महापौर मालिनी गौड़ ने कहा, हमें तीसरी बार इंदौर को नंबर वन बनाना है। आपका आशीर्वाद भी इसके लिए चाहिए। सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, यह देश फूलों का गुलदस्ता है तो बोहरा समाज इसकी खुशबू है। वहीं कांतिलाल भूरिया ने कहा, बोहरा समाज हिंदुस्तान की शान है। यह सबसे ईमानदार कौम है।
अकेले ही रैम्प पर आगे बढ़े सैयदना मंच से लगभग 200 फीट के बने रैम्प पर चलकर सभी समाजजनों के बीच पहुंचकर दीदार दिए। रैम्प पर वह अकेले ही आगे बढ़ गए। अन्य आमिल और मुंबई से आई टीम पीछे रह गई। समाजजनयह देख आश्चर्य में थे कि पहली बार सैयदना अकेले रैम्प पर चले और उनकी टीम काफी पीछे रह गई।
अनुशासन की मिसाल आयोजन में अनुशासन की मिसाल पेश की गई। न धक्का-मुक्की और न हंगामा। बैंड की धुन से पंडाल गूंज रहा था। बुराहनी गार्ड ने व्यवस्थाएं संभाल रखी थी। सैयदना के पहुंचने के बाद तो पिन ड्रॉप साइलेंट रहा। सफेद ड्रेस में एक स्थान पर बैठे समाजजनों ने सैयदना का इस्तकबाल किया। लाखों लोगों के शामिल होने के बावजूद ट्रैफिक जाम नहीं हुआ। महिलाएं और पुरुष के लिए अलग-अलग बैठक व्यवस्था के साथ आवाजाही के गेट भी अलग थे।
बच्चे बोले, आप पर जान कुर्बान है आयोजन स्थल पर सुबह 7 बजे से समाजजन का आना शुरू हो गया था। सैयदना मंच पर 11.20 बजे पहुंचे और एक घंटा 10 मिनट बाद दोपहर 12.30 बजे रवाना हो गए। छोटे-छोटे बच्चों ने गुलदस्ता देकर सैयदना का स्वागत किया। बच्चों ने ग्रीन, क्लीन इंडिया का संदेश दिया। मौला की शान में मदेह मौला आप पर जान कुर्बान है… पढ़ी।
पालकी में हुए रवाना सभी को दीदार का सबब देते हुए सैयदना रैम्प से जैसे ही उतरे तो समाजजनों ने उन्हें पालकी पर बैठा लिया। पालकी को कंधों पर उठाकर पंडाल से बाहर लाए और वहां से गाड़ी में बैठकर सांघी कॉलोनी स्थित मक्कावाला के घर पर गए। उन्होंने मक्कावाला के घर का लोकार्पण किया। अब वाअज शुरू होने तक वहीं पर रहेंगे।