तीन सदस्यीय जांच समिति कॉलेज की जांच रिपोर्ट शासन को भेज चुकी है। कार्रवाई से पहले ही विद्यार्थी चाहते है कि उनका ट्रांसफर किसी अन्य कॉलेज में कर दिया जाएं। साथ ही कॉलेज डायरेक्टर संजय पारीख और प्राचार्य के खिलाफ भी पुलिस रिपोर्ट की मांग कर रहे है। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज के पास एनसीटीई की मान्यता नहीं है, लेकिन यूनिवर्सिटी की स्थायी संबद्धता होने के कारण कॉलेज कार्रवाई से बचता रहा। यूनिवर्सिटी पहुंचकर विद्यार्थियों ने रिजल्ट की मांग की। डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे ने उन्हें बताया कि दो दिन में पहले सेमेस्टर की अंकसूची कॉलेज भेज दी जाएगी। विद्यार्थियों ने कहा कि हमें टैगोर कॉलेज की नहीं बल्कि डीएवीवी की अंकसूची चाहिए।
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स्कूली वैन में एक के ऊपर एक बैठे थे 22 बच्चे, एक बच्ची को ड्राइवर गोद में लेकर दौड़ा रहा था गाड़ी फीस जमा करने का दो शपथ पत्र सेकंड और थर्ड सेमेस्टर की अंकसूची का तकाजा करने पर डिप्टी रजिस्ट्रार खरे ने विद्यार्थियों को दो टूक कहा कि प्रबंधन ने जानकारी दी है कि आपमें से ज्यादातर ने फीस जमा नहीं की। इस आधार पर यूनिवर्सिटी कोई मदद नहीं कर सकती। बेहतर होगा कि आप लोग अतिरिक्त संचालक से ही शिकायत करें। छात्रों ने बताया कि हम फीस दे चुके है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि आप लोग शपथ पत्र दे दो। हम आगे की कार्रवाई करेंगे।