इंदौर संभाग में लाखों की संख्या में बिहार के लोग बसे हैं। इनके लिए महज सप्ताह में चार ट्रेनें हैं, जिसमें एक ट्रेन महज खानापूर्ति के लिए है, जबकि महाराष्ट्र के स्टेशनों और यहां रहे यात्रियों के लिए लगातार ट्रेनों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। पूर्वोत्तर राज्य बिहार के इंदौर में रहे लोगों ने कई बार ताई से इसे लेकर गुहार लगाई है, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला। कुछ समय पहले इंदौर-गुवाहाटी ट्रेन की सौगात जरूर मिली है, लेकिन यात्री संख्या में लिहाज से बिहार को जोडऩे वाली ये ट्रेनें काफी कम हैं। पटना एक्सप्रेस की स्थिति यह रहती है कि ट्रेन में हमेशा वेटिंग जाती है। कुल मिलाकर रेलवे और यहां हितैषियों को अन्य राज्यों के इंदौर में रह रहे लोगों का ख्याल रखना चाहिए।
नागपुर के लिए शुरू की हमसफर आज शाम को हमसफर ट्रेन को पुरी के लिए रवाना किया जाएगा। दरअसल महाराष्ट्र के रहने वाले यात्रियों की लंबे समय से मांग था कि नागपुर के लिए सीधी ट्रेन मिले। इसी के चलते हमसफर को नागपुर होते हुए चलाया जा रहा है। हमसफर के इसी रैक को हैदराबाद के लिए भी चलाया जाएगा जो कि गुजरात और महाराष्ट्र के कई जिलों को जोड़ेगी।
लाखों की आबादी पर सुविधा शून्य इंदौर संभाग में लाखों की संख्या में बिहार के लोग रह रहे हैं। जिसमें सबसे अधिक इंदौर, पीथमपुर, धार, लेबड़, उज्जैन, देवास में है। लाखों यात्रियों पर सप्ताह में चार ही दिन ट्रेनें हैं। यही कारण है पटना कि ओर जाने वाली ट्रेन में हमेशा वेटिंग रहती है। इसके अलावा पटना में सिख समाज के १०वें गुरु गोविंदसिंह साहेब का जन्म स्थान भी है। इसलिए पटना साहेब तीर्थ जाने वालों में बड़ी संख्या में सिख समाज के लो भी हैं।
नहीं अफसर सुनते, नेता भी टकरा देते हैं झा ने बताया कि पटना के लिए सप्ताह में चार ट्रेनें ही हैं। पटना एक्सप्रेस को डेली चलाने की मांग २००४ के पहले से कर रहे हैं, लेकिन अफसर इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं। यहां के नेताओं से भी बात कने पर वे टकरा देते हैं।
६० में से कई ट्रेनें महाराष्ट्र के खाते में इंदौर से ६० ट्रेनों का संचालन किया जाता है। जिसमें पुणे के लिए प्रतिदिन ट्रेन है। इसी तरह मुबंई के लिए तीन ट्रेनें हैं। इसके अलावा कई ट्रेनें हैं जो महाराष्ट्र के स्टेशनों को जोड़ती हैं।
इंदौर से बिहार के लिए सिर्फ ४ इंदौर में रहने वाले बिहार के लोगों के लिए रतलाम मंडल ने महज चार ट्रेनें दी हैं। जिसमें इंदौर-पटना (साप्ताहिक), इंदौर-राजेंद्र नगर (साप्ताहिक), इंदौर-गुवाहाटी (साप्ताहिक) और शिप्रा एक्सप्रेस (साप्ताहिक) ट्रेन है। इनमें से शिप्रा एक्सप्रेस मुख्य रूप से बंगाल के लोगों के लिए शुरू की गई थी। सफर के दौरान ट्रेन के ३२ हाल्ट हैं, जिसमें चार ही स्टेशन बिहार में आते हैं।
सुमित्रा महाजन दिखाएंगीं हमसफर ट्रेन को हरी झंडी आज शाम से इंदौर रेलवे स्टेशन से नई नवेली हमसफर ट्रेन का संचालन शुरू किया जा रहा है। शाम ५.३० बजे लोकसभा स्पीकर और इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन ताई इंदौर-पुरी हमसफर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी। इसके साथ वे इंदौर-हैदराबाद के बीच चलने वाली हमसफर ट्रेन का घोषणा भी करेंगी। हालांकि इस ट्रेन में इंदौर से पुरी और पुरी से इंदौर के बीच सफर के दौरान समय में गफलत है। इंदौर से पुरी तक सफर तय करने में ट्रेन ३१ घंटे ४० मिनट का समय लेगी। वहीं वापसी में इसी रूट पर ट्रेन इंदौर आने तक ३३.२० मिनट का समय लेगी। यानी कि आते समय २ घंटे २० मिनट ज्यादा। इधर, मप्र रेल उपभोक्ता संघ कल सुबह ११ बजे जीएसआईटीएस कॉलेज सभागृह में सांसद महाजन का सम्मान करेगा। संघ अध्यक्ष शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर और मालवा को कई ट्रेनों की सुविधा दिलाने के लिए यह सम्मान किया जाएगा।
रेलवे जीएम को ज्ञापन सौंपेंगे जेडआरयूसीसी मेंबर कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर इंदौर आने और जाने वाली कुछ ट्रेनों को स्टापेज करना जरूरी है। इनमें मालवा एक्सप्रेस, शिप्रा एक्सप्रेस और पटना एक्सप्रेस शामिल हैं। स्टापेज होने से क्षेत्र की १० लाख आबादी का सीधे तौर पर फायदा होगा और स्टेशन पर आने वाला यातायात भी प्रभावित नहीं होगा। इस संबंध में आज रेलवे जीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
एक नजर…
-इंदौर में बिहारियों की संख्या ७ लाख जनसंख्या
-बिहार की ओर जाने वाली ४ ट्रेन
-एक ट्रेन लगभग १२०० यात्री
-१.७५ लाख बिहारी जनसंख्या पर एक ट्रेन वर्जन
-ताई हमारे साथ भेदभाव कर रही हैं। हमारी सांसद महाराष्ट्र को फायदा पहुंचाती हैं। रेलवे सलाहकार समिति में भी पूर्वोत्तर के लोगों को तवज्जो नहीं दी गई है।
अजय कुमार झा, प्रदेश सचिव, पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मप्र
-इंदौर में बिहारियों की संख्या ७ लाख जनसंख्या
-बिहार की ओर जाने वाली ४ ट्रेन
-एक ट्रेन लगभग १२०० यात्री
-१.७५ लाख बिहारी जनसंख्या पर एक ट्रेन वर्जन
-ताई हमारे साथ भेदभाव कर रही हैं। हमारी सांसद महाराष्ट्र को फायदा पहुंचाती हैं। रेलवे सलाहकार समिति में भी पूर्वोत्तर के लोगों को तवज्जो नहीं दी गई है।
अजय कुमार झा, प्रदेश सचिव, पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मप्र