ऐसे कारोबारी जिन पर 5 करोड़ या इससे अधिक की करचोरी निकलेगी, उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए जा रहे हैं। जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं उनमें 1342 कारोबारी राज्य के और 1415 डीलर केंद्र के क्षेत्राधिकार से संबंधित हैं। वाणिज्यिककर आयुक्त लोकेश जाटव ने बताया, विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग करते हुए डाटा एनालिटिक्स से कर चोरी पकड़ने के लिए एक अलग विंग तैयार की है।
रिटर्न फाइलिंग के अतिरिक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा एनालिटिक्स का उपयोग कर संदिग्ध व्यावसाइयों को चिह्नित किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में इनके द्वारा कर दायित्व की जानकारी छिपाते हुए कर अपवंचन का प्रयास साबित हुआ है। अब विभाग इनके ऑफिस, गोदाम, दुकान आदि का भौतिक निरीक्षण भी करा रहा है।
बड़ी राशि के ई-वे बिल और रिटर्न में जीरो
रिस्क पैरामीटर के आधार पर डाटा विश्लेषण में पता चला कि राज्य में पंजीकृत कई व्यावसाइयों द्वारा माल की सप्लाई के लिए बड़ी राशि के अधिक मात्रा में ई-वे बिल डाउनलोड किए जा रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत मासिक/त्रैमासिक विवरण पत्रों में निरंक टर्नओवर दर्शाया जा रहा है। इन व्यावसायियों ने कर दायित्व की जानकारी छुपाकर कर चोरी का प्रयास किया है।
रिटर्न फाइलिंग में टॉप 5 में एमपी
डाटा एनालिटिक्स के सटीक उपयोग से जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे कर राजस्व में वृद्धि हो रही है। मई 2022 में विभाग को जीएसटी में दिए गए मासिक लक्ष्य 1944 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया जो लक्ष्य का 103 फीसदी है। रिटर्न फाइलिंग की निरंतर समीक्षा से प्रदेश देश के 5 अग्रणी राज्यों में है।