जबरन कॉलोनी के मिडिल स्कूल में कार्यरत शिक्षिका 45 वर्षीय चंद्रकांता जेठवानी ऑस्टिओजेनेसिस इम्परफेक्टा नामक हड्डी की गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। बचपन से ही वे दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन स्कूल में हमेशा बच्चों की पढ़ाई के लिए समर्पित रहीं। चंद्रकांता विनय नगर स्थित मकान में रहती हैं। आठ महीने पहले गिर जाने से उनके शरीर की छह हड्डियां टूट गईं। अब बिना सहारे पलंग से उठने तक में सक्षम नहीं हैं।
‘ए ग्रेड’ के बच्चों को बनाया उत्तराधिकारी चंद्रकांता ने मकान, अन्य संपत्ति और बैंक बैलेंस अपने स्कूल के छह बच्चों के नाम कर दिए हैं। करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति के लिए उन्होंने रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर छह वसीयत बनवाई है। परीक्षा में ए ग्रेड लाने वाले बच्चों का चयन किया है। इनमें पांच लडक़े और एक लडक़ी है। सभी बच्चों के 18 साल के होने पर उनके हिस्से का पैसा बैंक में जमा किया जाएगा।
परिवार में कोई नहीं, बाई खिलाती है खाना चंद्रकांता के परिवार में माता-पिता और दो बड़े भाई थे। सभी की मृत्यु हो चुकी है। बड़ी बहन ऊषा मुंबई के गुरुद्वारे में सेवा करती हैं। 24 घंटे में चार बार आकर बाई खाना और नित्यकर्म करवाती है। डॉक्टरों का कहना है कि शरीर पर थोड़ा भी जोर पड़ा तो छह-सात हड्डियां और टूट सकती हैं।
अब भी जा रही हैं रोज स्कूल चंद्रकांता अब भी स्कूल जा रही हैं। घर में काम करने वाली कर्मचारी उन्हें व्हीलचेयर सहित ऑटो में बैठाती है। स्कूल में दो लोग उतारते हैं। दिनभर व्हीलचेयर पर बैठकर ड्यूटी दे रही हैं। चंद्रकांता को क्रिकेट मैच का बहुत शौक है। वे कहती हैं कि जून में क्रिकेट वल्र्ड कप देखने के बाद मरने की इच्छा है। आज तक भारत का कोई भी मैच देखना नहीं छोड़ा है।