निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी रचनात्मक तरीके से शिक्षण कार्य शुरू हो गया है। सितंबर २०१७ में शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढऩे की रूची बढ़ाने के लिए ई- एजुकेशन प्रोग्राम तैयार किया था। १६ जीबी का यह प्रोगाम हर एक शिक्षक को उनके मेमोरी कार्ड पर दिया गया था। दिसंबर से यह प्रोग्राम भी शुरू हो गया। नए शिक्षा सत्र में भी बच्चों कॉपी किताब की जगह वीडियो और रचनात्मक तरीके से पढ़ाया जा रहा है।
नहीं मिला पैसा इधर कई शिक्षक एेसे है, जिन्हें आज तक मेमोरी कार्ड पैसा नहंी मिला है, जबकि सितंबर-अक्टूबर माह में ही शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय में बिल लगा दिया था। बीआरसी अशोक जोशी ने बताया कि इंदौर ग्रामीण विकासखंड के सभी शिक्षकों को उनके अकाउंट में पैसा जारी कर दिया गया है। अगर इसके बाद भी दिक्कत आ रही है, तो वे अपनी बैंक में संपर्क करें।
३० अपै्रल तक चलेगी कक्षाएं इस बार नए शिक्षा सत्र में बच्चों को बिना बस्ते के ही स्कूल बुलाया जा रहा है। उन्हें रचनात्मक तरीके से पढ़ाया जा रहा है। ड्राइंग, गेम्स और वीडियो के माध्यम से बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए सभी शिक्षकों को नया प्रोग्राम भी मोबाइल पर लोड करवाया गया है।