इंदौर

अध्यापक भी बंट गए कांग्रेस-भाजपा में

एक ही संगठन के लिए अध्यापक एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप

इंदौरSep 03, 2018 / 11:01 am

Sanjay Rajak

अध्यापक भी बंट गए कांग्रेस-भाजपा में

इंदौर. न्यूज टुडे.
अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर बड़े-बड़े आंदोलन कर प्रदेश सरकार को घेरने वाले अध्यापक अब भाजपा-कांग्रेस में बंट गए हैं। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। अध्यापकों का संगठन आजाद अध्यापक संघ तो ऐसा है, जिसमें आधे अध्यापक सरकार की नीतियों के समर्थन हैं तो आधे विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
आजाद अध्यापक संघ की शिल्पी शिवान ने बताया कि रविवार को भोपाल में एक दिवसीय आंदोलन था। हमने सरकार से नियुक्ति नहीं मांगी थी, शिक्षा विभाग में संविलियन मांगा था। इसी का विरोध कर रहे हैं। जबकि सरकार ने संविलियन करने की जगह नियुक्ति की है। इस आंदोलन में शासकीय अध्यापक संघ, आजाद अध्यापक संघ, अध्यापक कांग्रेस के पदाधिकारी व अध्यापक मौजूद थे। कमलनाथ को हमने ज्ञापन नहीं दिया है। संघर्ष समिति ने ज्ञापन दिया है।
शिल्पी शिवान ने बताया कि आजाद अध्यापक संघ के नाम पर कुछ नेता जो राजनीति कर रहे हैं, उनका झुकाव सीधे तौर भाजपा की ओर है। न मुझे कांग्रेस से मलतब है और न ही भाजपा से। हमें सिर्फ अध्यापक हित और उनकी मांगों से मलतब है। उसके लिए जो भी सरकार होगी उससे लड़ेंगे। समय-समय पर जो भी सरकार रही है, विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इसलिए हमने मंच से कहा था कि सरकार को लगता है कि मैं कांग्रेसी हूं तो हां मैं कांग्रेसी हूं।
वहीं आजाद अध्यापक संघ की दूसरी टीम के प्रदेश उपाध्यक्ष केके आर्य ने बताया कि संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित अध्यक्ष भरत पटेल ने सभी पार्टियों के नेताओं का सरकार के नुमाइंदे होने के नाते सम्मान और अभिनंदन किया है। जिन आदेशों में विंसगतियां हैं और हम भी विरोध कर रहे हैं, लेकिन हमारा तरीका अलग है। कुछ अध्यापक संगठन सरकार की नीतियों का जिस तरह से विरोध कर रहे हैं वह गलत है। असली कांग्रेसी सामने दिखाई दे गए हैं।

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