मैनेजमेंट के प्रोफेसर व स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के विभागाध्यक्ष प्रो.पीएन मिश्रा और कैमिकल साइंसेस के प्रो.एवी बजाज 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे है। इकोनॉमिक्स में प्रो.मिश्रा की जगह अब डॉ.कन्हैया आहूजा विभागाध्यक्ष का जिम्मा संभालेंगे। इनसे पहले इस साल स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स की प्रो.केएन राजेश्वरी, स्कूल ऑफ कैमिकल साइंसेस की प्रो.शीला जोशी और स्कूल ऑफ फिजिक्स की प्रतिमा सेन रिटायर हुई है। प्रो.मिश्रा और प्रो. बजाज के रिटायरमेंट के साथ ही डीएवीवी में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या 230 के पार पहुंच जाएगी। मालूम हो, यह पहला ऐसा मौका है जब एक साल में 5 प्रोफेसर रिटायर हो रहे है। इसी साल डॉ.निरंजन श्रीवास्तव और डॉ.ललित इंगले की असामयिक मौत के कारण यूनिवर्सिटी इन्हें गंवा चुकी है।
नई भर्ती की बात करें तो बीते 11 साल से यूनिवर्सिटी में एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया जबकि 40 शिक्षक जा चुके है। इनमें से ज्यादातर रिटायर हुए और कुछ प्रतिनियुक्ति पर अन्य स्थानों पर सेवाएं दे रहे है। प्रो.जयंत सोनवलकर और प्रो.अखिलेश सिंह अन्य यूनिवर्सिटी में बतौर कुलपति सेवा दे रहे है।
425 की जरुरत, 200 भी नियमित नहीं डीएवीवी के सभी विभागों में 425 शिक्षकों की जरुरत है। इनकी तुलना में 200 शिक्षक भी वर्तमान में नहीं है। रिक्त पदों में प्रोफेसर के 70, रीडर के 62 और लैक्चरार के 75 पद है। हालांकि, बैकलॉग के 45 पद भरने के लिए यूनिवर्सिटी ने कदम बढ़ाते हुए आवेदन बुलाए है। करीब चार महीने बीतने के बावजूद इसकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।