मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पर लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बिल पास हो गया, जिस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी। तीन तलाक को अपराध करार देने के बाद अब मुस्लिम महिलाएं भी सशक्त हो गई हैं। इस खुशी में कल दीनदयाल भवन पर जाहिदा मंसूरी, रेहाना कुरैशी, परवीन मंसूरी, आयशा अली, सलमा खाला सहित कई मुस्लिम महिलाएं पहुंचीं।
वे अपने साथ मिठाई लेकर आई थीं। मोदी को बहनों की रक्षा करने वाला भाई बताते हुए उन्होंने मिठाई खिलाई। कार्यालय पर मौजूद नेताओं का भी मुंह मीठा कराया गया। मंसूरी का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले से कई बच्चे अनाथ होने से बच जाएंगे। पति-पत्नी के अलग होने से सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। दोनों दूसरी शादी कर लेते हैं, लेकिन बच्चों का जीवन खराब हो जाता है। जेल जाने के कानून के खौफ से पुरुष तलाक देने से बचेंगे।
कानून बनना समाज सुधार के लिए बड़ा कदम है। भारत की मुस्लिम महिलाओं के साथ में अनाथ होने वाले बच्चों के लिए मोदी सरकार का ये कदम ऐतिहासिक है। महिलाओं को अपना अधिकार मिलना चाहिए जो मोदी ने हमें दिया। कहा जा सकता है कि राखी के पहले ही उन्होंने मुस्लिम बहनों की रक्षा का वचन पूरा करते हुए कानून के रूप में उपहार दे दिया।