must read : राखी के बाद अब जाने वाली ट्रेनें-बसों में भीड़, इंदौर-पुणे एक्सप्रेस भी निरस्त गौरतलब है कि जहीरूल 2014 में पश्चिम बंगाल के वर्धमान में हुए बम धमाकों में शामिल था और बंगाल के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहीदिन का सक्रिय सदस्य है। जहीरूल कई आतंकी कैंप आयोजित करने के साथ ही अपने गिरोह से जुड़े भारत में सक्रिय सदस्यों को बम बनाने और हथियारों की ट्रेनिंग भी करवा चुका है। एनआईए के मुताबिक वह पश्चिम बंगाल के नडियाल का रहने वाला है। वह लंबे समय से आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। बंगाल के बम ब्लास्ट में नाम आने के बाद वहां से भागकर कुछ समय पहले ही इंदौर के आजाद नगर इलाके में रहने आया था। आतंकी यहां रहकर बेलदारी का काम करता था। आतंकी के ठेकेदार नेहरूल मंडल ने पुलिस को बताया कि लगभग दो सालों से वह उसके साथ मकान निर्माण का काम कर रहा था। उसने अपना नाम जहीर बताया था। पहले वह बेलदारी का काम करता था बाद में मिस्त्री बन गया। मंडल ने बताया कि दो दिन पहले रात करीब 12 बजे उसके मोबाइल पर जहीर का मिस कॉल था। मंडल ने जब उसे कॉल बैक किया तो पुलिस ने फोन उठाया और कहा कि सुबह थाने आ जाना। अगले दिन नेहरूल जब थाने गया तो उसे पता चला कि उसके साथ काम करने वाला बेलदार आतंकी है।
must read : ‘उज्जैन महाकाल में दो संदिग्धों से सुना है मैंने, इंदौर एयरपोर्ट पर होने वाला है बड़ा हमला’ मंडल का कहना है कि मेरे एक परिचित के नाम पर आतंकी ने बाइक फाइनेंस की थी, जब पता चला कि पुलिस उसे उठाकर ले गई है तो हमें लगा कि फाइनेंस का मामला होगा। एनआईए की टीम ने इंदौर आकर जहां आतंकी रहता था उस स्थान की कई दिनों तक रैकी की थी। एनआईए ने सब्जी का ठेला लगाकर आतंकी पर नजर रखी और जब यह कंफर्म हो गया कि यह वहीं आतंकी है जिसकी उन्हें तलाश है तो उसे धर दबोचा गया।
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के निर्देश पर अब क्राइम ब्रांच जहीरूल की रिकॉर्ड खंगाल रही है। उसके सहयोगियों और संपर्क में रहने वालों से यह पता लगाया जा रहा है कि वे सही कह रहे हैं या नहीं।