scriptदो एकड़ जमीन ढो रही खंडहर का बोझ | The burden of ruins carrying two acres of land | Patrika News

दो एकड़ जमीन ढो रही खंडहर का बोझ

locationइंदौरPublished: Jan 21, 2022 12:35:13 pm

Submitted by:

Sanjay Rajak

किशनगंज ब्रिज से लगी करीब दो एकड़ जमीन पर मौजूद रोडवेज की वर्कशॉप बीते 16 साल से बंद है। यहां भवन खंडहर बन चुका है। जबकि इसी जमीन से लगी दशहरा मैदान की करीब पौने दो एकड़ जमीन पर खेल संकुल आकार ले रहा है। ऐसे में अगर रोडवेज डिपो की जमीन का उपयोग भी खेल संकुल में किया जाए तो इनडोर गेम्स के लिए पर्याप्त जगह मिल सकेगी। हालांकि इस संबंध में न ही कैंट बोर्ड रूची देखा रहा है और न ही रक्षा संपदा विभाग।

दो एकड़ जमीन ढो रही खंडहर का बोझ

दो एकड़ जमीन ढो रही खंडहर का बोझ

डॉ. आंबेडकर नगर(महू).

रक्षा सपंदा विभाग ने राज्य परिवहन विभाग को रोडवेज डिपो वर्कशॉप के लिए करीब 1962 में तकरीबन दो एकड़ जमीन दी थी। 2005 में राज्य परिवहन निगम का संचालन बंद हो गया। जिसके बाद से वर्कशॉप भी बंद हो गई। बीते 16 वर्षो से जगह खंडहर में तब्दील हो चुका है। और आसामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है। पूर्व पार्षद जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले हम दोबारा बोर्ड में शिकायत करेंगे। ताकि राज्य शाासन से जमन वापस मिले और दशहरा मैदान पर बन रहे खेल संकुल का विस्तार हो सके।
जमीन मिली तो बढ़ जाएगा दायरा

जानकारी के अनुसार रक्षा संपदा विभाग और बोर्ड द्वारा राज्य शासन से जमीन वापस ले ली जाती है तो डिपो से लगकर बन रहे खेल संकुल का दायरा बढ़ जाएगा। यहां पर इन-डोर खेल गतिविधि स्वमिंग पूल, टेबल-टेनिस, बैडमिंटन आदि खेल गतिविधि जुड़ जाएगी। इसके साथ ही आधुनिक जीम भी शुरू किया जा सकता है। फिलहाल दशहरा मैदान की करीब पौने दो एकड़ जमीन पर खेल संकुल आकार ले रहा है। जिसमें वाकिंग ट्रेक, चेन लिंक फेंसिंग, क्रिकेट मैदान, फुटबॉल मैदान, युटिलिटी संकुल बनाया जाना है।
अलग-अलग प्रस्ताव बने, काम एक पर भी नहीं

जानकारी के अनुसार परिषद में पार्षद द्वारा समय-समय पर इस जमीन पर अलग-अलग प्रस्ताव दिए गए। लेकिन एक भी प्रस्ताव पर काम शुरू नहीं हो पाया। इस जमीन पर आइटीआइ खोलने का कहा। इसके अलावा पार्षद कैलाश पांडे ने यहां स्पोटर्स काम्प्लेक्स बनाने के लिए प्रस्ताव दिया। लेकिन सहमति नहीं बन पाई। इसके अलावा भी अन्य प्रस्ताव भी आए। गत वर्ष क्षेत्रीय विधायक उषा ठाकुर ने इस जमीन पर कला केंद्र बनाने की बात कही, लेकिन अभी तक कला केंद्र को लेकर प्रस्ताव तक नहीं बना है।
वर्जन…
भारत सरकार की स्वामित्व की यह जमीन राज्य शासन के पास है। अगर जमीन मिल जाती है तो, खेल सुविधाओं को लेकर विस्तारीकरण होगा। यहां इनडोर गेम्स के लिए पर्याप्त जगह मिल जाएगी।

– सतीश अग्रवाल, कार्यालय अधीक्षक, कैंटबोर्ड
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