आयकर कानून में अलग-अलग सेक्शन में छूट के प्रावधान हैं। फॉर्म-16 के नए फार्मेट में इन सेक्शन के तहत दी जाने वाली छूट, टैक्स बचत योजनाओं की जानकारी और निवेश का ब्योरा देना होगा। यानी 80 सी से 80 जी तक में ली जा रही छूट जैसे मेडिक्लेम, स्कीम से जुड़ी कटौतियां, कर्मचारी को मिले अलग-अलग सुविधा लाभ का ब्योरा शामिल करना होगा। इससे टीडीएस रिटर्न लेने में आसानी होगी, क्योंकि हर बात का खुलासा फार्मेट में रहेगा।
आयकर विभाग द्वारा संशोधित फॉर्म-16 इसी साल 12 मई से लागू हो जाएगा। यानी वित्त वर्ष 2018-19 का रिटर्न संशोधित फॉर्म के आधार पर ही भरना होगा। यह फार्म कंपनियां अपने कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद जारी करती हैं। इसमें कर्मचारियों के टीडीएस की जानकारी होती है। इसी आधार पर कर्मचारी आयकर रिटर्न भरते हैं। सभी जानकारियां देने से पारदर्शिता आएगी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स स्वप्निल जैन के अनुसार इस बदलाव से रिटर्न एक स्टैंडर्ड फार्मेट में हो जाएगा। जिससे रिटर्न व फार्म 16 में फर्क नहीं दिखेगा। इससे कर्मचारियों को दी जाने वाली छूट प्रभावित नहीं होगी। नियमानुसार जो मिल रही है, मिलती रहेगी। अब तक इसका खुलासा नहीं होता था, अब हर मद का उल्लेख करना होगा। जिससे राशि क्लैम करने में भी फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।