इंदौर

फॉर्म-16 में कर्मचारियों को दी हर छूट का करना होगा खुलासा

12 मई से लागू होगा नया फार्मेट : अन्य स्रोतों की आय का ब्योरा भी देना होगा, कर अपवंचन पर रहेगी नजर- वित्तीय वर्ष- 2018-19 रिटर्न के लिए इसी फार्मेट में देना होगी जानकारी

इंदौरApr 18, 2019 / 03:58 pm

हुसैन अली

फॉर्म-16 में कर्मचारियों को दी हर छूट का करना होगा खुलासा

इंदौर. आयकर विभाग द्वारा आयकर भरने की सीमा में बदलाव के बाद अब कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फार्म-16 में भी बड़े बदलाव किए हैं। फॉर्म जारी करने वाले (नियोक्ता) को कर्मचारी की आय और दी जाने वाली छूट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए खुलासा करना होगा। अब तक एक राशि देकर निर्धारित सीमा की छूट ले ली जाती थी। फार्म के साथ जारी एनेक्चर का आकार भी एक-दो से बढ़कर पांच पेज का कर दिया गया है। नए फार्म से जहां कंपनियों का काम बढ़ जाएगा, वहीं आयकर विभाग को कर अपवंचन पर निगरानी में मदद मिलेगी। दरअसल, आयकर रिटर्न व रिफंड में फर्जीवाड़ों को नियंत्रित करने के लिए विभाग प्रक्रियाओं में बदलाव कर रहा है। ऑनलाइन रिटर्न के साथ अब फार्म-१६ में भी बढ़े बदलाव किए हैं। आयकर विशेषज्ञों के अनुसार अब तक फॉर्म-१६ में सभी छूट, भत्तों व सुविधा खर्च को एक साथ बताया जाता था। नए फार्मेट में कर्मचारी की आय व छूट की जानकारी देना होगी। यह भी बताना होगा, कौन सी छूट किस सेक्शन के तहत दी जा रही है। जैसे कर्मचारी की प्रॉपर्टी से हुई कमाई या दूसरी कंपनियों से मिले भुगतान की जानकारी भी देना होगी। नए फार्म १६ से सेलरी के आधार पर एक मुश्त राशि मैनेज नहीं की जा सकेगी। सीबीडीटी के बदले हुए फार्म के साथ आगामी ३१ जुलाई तक आयकर रिटर्न जमा किए जा सकेंगे। फॉर्म-२४ क्यू में भी बदलाव किए गए हैं।
किस सेक्शन में कितनी छूट बताना होगा
आयकर कानून में अलग-अलग सेक्शन में छूट के प्रावधान हैं। फॉर्म-16 के नए फार्मेट में इन सेक्शन के तहत दी जाने वाली छूट, टैक्स बचत योजनाओं की जानकारी और निवेश का ब्योरा देना होगा। यानी 80 सी से 80 जी तक में ली जा रही छूट जैसे मेडिक्लेम, स्कीम से जुड़ी कटौतियां, कर्मचारी को मिले अलग-अलग सुविधा लाभ का ब्योरा शामिल करना होगा। इससे टीडीएस रिटर्न लेने में आसानी होगी, क्योंकि हर बात का खुलासा फार्मेट में रहेगा।
12 मई से होगा लागू
आयकर विभाग द्वारा संशोधित फॉर्म-16 इसी साल 12 मई से लागू हो जाएगा। यानी वित्त वर्ष 2018-19 का रिटर्न संशोधित फॉर्म के आधार पर ही भरना होगा। यह फार्म कंपनियां अपने कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद जारी करती हैं। इसमें कर्मचारियों के टीडीएस की जानकारी होती है। इसी आधार पर कर्मचारी आयकर रिटर्न भरते हैं। सभी जानकारियां देने से पारदर्शिता आएगी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स स्वप्निल जैन के अनुसार इस बदलाव से रिटर्न एक स्टैंडर्ड फार्मेट में हो जाएगा। जिससे रिटर्न व फार्म 16 में फर्क नहीं दिखेगा। इससे कर्मचारियों को दी जाने वाली छूट प्रभावित नहीं होगी। नियमानुसार जो मिल रही है, मिलती रहेगी। अब तक इसका खुलासा नहीं होता था, अब हर मद का उल्लेख करना होगा। जिससे राशि क्लैम करने में भी फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
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