must read :
इंदौर की पहली महिला लोको पायलट अब दौड़ाएंगी ट्रेन, पांच साल के धैर्य का ऐसा मिला इनाम भोलेनाथ कॉलोनी में रहने वाले 17 वर्षीय अनुराग पिता अशोक ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। शनिवार को पोस्टमॉर्टम के लिए बॉडी जिला अस्पताल आई तो उसे देख डॉक्टर चौंक गए। बॉडी की आंखें नहीं थीं। पुलिस पंचनामे में इसकी जानकारी नहीं होने पर पीएम रोक दिया गया। पुलिस ने पहुंचकर पीएम कराया। परिजन ने मुस्कान ग्रुप से संपर्क करते हुए शुक्रवार रात को नेत्रदान करवा दिया था। नियमानुसार कोई भी अंगदान दिए जाने पर पुलिस के पंचनामे में जिक्र होना चाहिए। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम बीच में रोका तो अस्पताल में परिजन ने हंगामा कर दिया। सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा ने बताया, मुस्कान ग्रुप से संपर्क कर आंखें दान कराई गई थी, लेकिन पंचनामे में इसकी जानकारी नहीं देने से असमंजस की स्थिति बनी। बाद में मुस्कान ग्रुप से भी संपर्क किया गया।