बता दें कि हाल में तेंदुए के हमले की यह दो घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें 9 जून को तेंदुए के हमले से एक छह साल की मासूम बच्ची की मौत भी हो चुकी है। वहीं कल गजिंदा गांव के एक पोल्ट्री फार्म में लगभग आठ माह का तेंदुआ घुस गया था। उसे ग्रामीणों ने देख लिया और भीड़ जुट गई। इस दौरान तेंदुए ने भागने की कोशिश की, लेकिन जगह नहीं मिलने पर उसने एक युवक को पंजा मार दिया और भाग निकला। इस घटना के बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। चूंकि गांव जंगल से लगा होने से वन अधिकारियों ने तेंदुए से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए चार स्पेशल टीमों को तैनात किया और जाल बिछाने के साथ ही पिंजरा भी लगा दिया। रातभर वन अमला वहां तैनात रहा।
चोरल रेंजर रविकांत जैन ने बताया कि रात में ही तेंदुआ जंगल की और निकल चुका है। वह खाने-पीने के लिए पोल्ट्री फार्म तक पहुंच था और ग्रामीणों ने उसे देख लिया था। शोरगुल और भीड़ की वजह से तेंदुआ घबरा गया और भागने के दौरान युवक पर हमला कर दिया। उसकी आयु करीब आठ माह है। इसलिए उसकी मां भी आसपास कहीं होगी। इसीलिए हमने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिहाज से टीमें तैनात कर दी थीं।
रेस्क्यू करनाजाना मुश्किल था, लेकिन सुरक्षा के लिए जरूरी उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र जंगल से लगा है। ऐसी जगह रेस्क्यू नहीं किया जा सकता था, लेकिन हमने ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए ही जाल बिछाकर पिंजरा भी लगाया था, यदि वह पकड़ में आ जाता तो बीच जंगल में छोड़ देते। बच्चा होने से मां भी आसपास ही कहीं होती। ऐसे में ग्रामीणों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा दे। इसी आशंका के चलते टीमें तैनात की गई थीं।