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महापौर ने चुनी अपनी कैबिनेट, पहली बार चुने गए पार्षदों को भी मौका

locationइंदौरPublished: Aug 19, 2022 06:44:19 pm

एमआइसी की घोषणा, सभी विधायकों के समर्थकों को दिया मौका

महापौर ने चुनी अपनी कैबिनेट, पहली बार चुने गए पार्षदों को भी मौका

महापौर ने चुनी अपनी कैबिनेट, पहली बार चुने गए पार्षदों को भी मौका

इंदौर. नगर निगम की नगर सरकार को चलाने के लिए एमआइसी सदस्यों की घोषणा हो गई। इंदौर से भोपाल तक चली जद्दोजहद के बाद संतुलन बनाए रखते हुए सूची जारी की गई। सभी विधायक अपने समर्थकों को मौका दिलाने में सफल रहे, सांसद समर्थक को स्थान नहीं मिल पाया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने गुरुवार को सूची जारी की लेकिन उसमें हस्तारक्षर १५ अगस्त के है, यानी अधिकृत सूची दो दिन पहले जारी होना बताया है। एमआइसी में राजेंद्र राठौर, अश्विनकुमार शुक्ला, निरंजनसिंह (गुड्डू) चौहान, राजेश उदावत, अभिषेक (बबलू) शर्मा, नंदकिशोर पहाडिया, श्रीमती प्रिया डांगी, मनीष (मामा) शर्मा, जीतेंद्र कुमार (जीतू) यादव व राकेश जैन को शामिल किया है। इसमें राजेंद्र राठौर व अश्विन शुक्ला पहले भी एमआइसी सदस्य रह चुके है जबकि बाकी नए है। शपथ के बाद एमआइसी चयन की प्रक्रिया शुरू हुई तो नेता अपने समर्थकों को स्थान दिलाने के प्रयास में लग गए थे जिसके कारण स्थानीय स्तर पर फैसला नहीं हो पाया। स्थानीय संगठन ने नेताओं के समर्थकों के आधार पर ३-३ नामों की पेनल बनाकर भोपाल भेज दी थी और वहां से हरीझंडी मिलने के बाद उसे जारी किया गया। नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत के बाद महापौर समेत सभी पार्षदों को ८ अगस्त को शपथ दिलवाई गई और इसके बाद से ही जद्दोजहद चल रही थी। रविवार को भी प्रभारी तेजबहादूर सिंह की उपस्थिति में मंथन हुआ। संगठन व प्रदेश पदाधिकारियों को भी भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी के चलते सूची जारी करने में अब माथापच्ची करना पड़ रही है। हालांकि अब सदस्य बनने के बाद जनकार्य, जलकार्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों के लिए खींचतान की स्थिति बन गई है।
सभी विधायकों की बात मानी, अब विभाग को लेकर खींचतान
एमआइसी में संगठन ने एक तरह से सभी विधायकों की बात मानी। विधानसभा १ से पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के दोनों समर्थक अश्विन शुक्ला व निरंजन चौहान एमआइसी में शामिल हो गए। मंत्री उषा ठाकुर ने भी अपने समर्थक पराग कौशल का नाम चलाया था लेकिन जगह नहीं मिली। विधानसभा २ में कैलाश विजयवर्गीय-रमेश मेंदोला गठबंधन हावी रहा। राजेंद्र राठौर पुराने पार्षद है जबकि पहली बार पार्षद बने जीतू यादव को विधायक मेंदोला ने एडजस्ट करा दिया। वे सांवेर के जरिए एक और समर्र्थक को लाना चाहते थे लेकिन सफल नहीं हो पाए। विधानसभा ३ में विधायक आकाश विजयवर्गीय की रजामंदी से कैलाश समर्थक मनीष मामा एमआइसी में आने में सफल रहे। कम वार्ड होने से यहां एक ही सदस्य आ पाया। विधानसभा ४ से विधायक मालिनी गौड़ के दोनों समर्थक एमआइसी में आ गए। गौड़ गुट ने राकेश जैन के साथ प्रिया डांगी को स्थान दिलाया। दोनों ही पहली बार के पार्षद है। सांसद शंकर लालवानी की समर्थक कंचन गिदवानी को यहां से स्थान मिलने के लिए जोर लगाया जा रहा था लेकिन सफल नहीं हो पाए। विधानसभा ५ से विधायक महेंद्र हार्डिया के समर्थक नंदकिशोर पहाडिया व राजेश उदावत भी एमआइसी में आ गए। हार्डिया गुट के ही अन्य पार्षदों के बीच यहां खींचतान थी। राऊ विधानसभा से अभिषेक शर्मा आए है। वे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा गुट से है लेकिन स्थानीय गुटों में भी उनका कोई विरोध नहीं था।

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