शुक्रवार सुबह आईबस (एमपी 09 एफए 6025) राजीव गांधी चौराहा से निरंजनपुर जा रही थी। नौलखा के समीप रेडिएटर इंजन का बेल्ट जाम होकर टूट गया। इस दौरान पार्ट में घर्षण होने से धुआं निकलन लगा। यात्रियों को आशंका हुई कि आग लग गई। हालांकि कुछ देर में मामला संभल गया, लेकिन रखरखाव की लापरवाही सामने आई। एआईसीटीएसएल सीईओ संदीप सोनी का कहना है, यह बहुत सामान्य बात है। कई बार नए बेल्ट तकनीकी तौर पर टूट जाते हैं। ड्रायवर-कंडक्टर ने घटना पर तत्काल नियंत्रण करते हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया। यह रखरखाव की कमी नहीं है। बसों को अब तकनीकी कसौटी पर कसने के बाद ही सडक़ पर उतारा जाता है।
पहले की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी हैं बसें आईबस में पहले भी इस तरह की दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। दो बार आग लगने से पूरी बस जल गई थी जबकि एक बार चलती बस से पहिया निकल गया था। आगजनी की दोनों घटनाओं की जांच भी प्रशासन द्वारा करवाई गई। इनकी रिपोर्ट में कमियां भी सामने आई थीं। हालांकि रिपोर्ट की अनुशंसाओं पर कार्रवाई नहीं की गई। आई बसों को बीआरटीएस पर चलते करीब 6 साल से अधिक हो गए हैं। इनकी तकनीकी जांच करवाने की बात भी समिति ने की थी। निगमायुक्त ने पुणे स्थित संस्थान से जांच के निर्देश भी दिए थे। मामला टाल दिया गया। बता दें, बीआरटीएस पर रोजना ७० हजार से ज्यादा यात्री आईबस से सफर करते हैं।