टैंकर ठेकेदार मेसर्स पटेल और महाकाल कंस्ट्रक्शन पर लगा प्रतिबंध, उपयंत्री सस्पेंड, निगम ने भुगतान पर रोक लगाने के साथ बंद किए 41 टैंकर
Indore News : पानी बेचना पड़ा भारी, नगर निगम अफसर पर गिरी गाज
इंदौर. नगर निगम में ठेके पर लगाए टैंकर से आम लोगों को पानी देने के बजाय बेचने का बड़ा खुलासा हुआ है। इस पर पानी बेचने वाले टैंकर ठेकेदारों पर प्रतिबंध लगाने के साथ जलप्रदाय विभाग के एक उपयंत्री को सस्पेंड कर दिया गया है। मेसर्स पटेल और महाकाल कंस्ट्रक्शन पर कार्रवाई की गई है। निगम ने इनके भुगतान पर रोक लगाने के साथ 41 टैंकर बंद कर दिए हैं। साथ ही निगम में रखी गई धरोहर राशि राजसात कर ली है।
भीषण गर्मी के चलते शहर में पानी की किल्लत होने लगी है। बोरवेल सूखने लगे हैं और नर्मदा लाइन से पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में जलापूर्ति के लिए निगम ने ट्रैक्टर टैंकर और बड़े टैंकर ठेके पर लगाए हैं। अभी शहर में 300 से ज्यादा टैंकर ठेके के चल रहे हैं, वहीं निगम के 84 टैंकर भी शहर में पानी बांटने के लिए दौड़ रहे हैं। निगम में ठेके पर लगाए टैंकरों से आम लोगों को पानी देने के बजाय बेचने का बड़ा खुलासा हुआ है।
निगम ने मेसर्स महाकाल कंस्ट्रक्शन के प्रोप्राइटर मुकेश निवासी स्कीम 114 पार्ट-3 को 12 महीने के लिए ट्रैक्टर टैंकर चलाने का ठेका दिया और जोन-8 विजय नगर पर टैंकर चलाने के लिए लॉग बुक जारी की गई। उक्त फर्म के ट्रैक्टर टैंकर क्रमांक केए 37 एम 0255 का चालक न तो जोन-8 पर पहुंचा और न ही कार्य आवंटन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। अपनी मर्जी से हाइड्रेन्ट से लॉगबुक के आधार पर पानी भरकर बेचना शुरू कर दिया। इसके अलावा टैंकर ठेकेदार ने 1 से 11 मई तक जोन पर सहायक यंत्री और उपयंत्री से संपर्क भी नहीं किया। अनधिकृत रूप से पानी बेेचने में लगा रहा।
इसी तरह मेसर्स पटेल कंस्ट्रक्शन के प्रोप्राइटर रफीक पटेल निवासी रंग कराडिय़ा सांवेर भी जोन-8 के लिए आवंटित लॉग बुक अनुसार जोन 8 पर उपस्थित न होकर अपनी मर्जी से स्कीम-54 पानी की टंकी के हाइड्रेंट से लॉग बुक के आधार पर पानी भरकर बेचना शुरू कर दिया। इस कारण जोन-8 की कॉलोनियों में जलसंकट का सामना कर रहे लोगों को पानी नहीं मिल पाया। इस पर निगम अफसरों को जनता के आक्रोश का सामना अलग करना पड़ा और निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगने के साथ छवि अलग धूमिल हुई। टैंकर ठेकेदारों के पानी बेचने का खुलासा होने के बाद निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मेसर्स पटेल और महाकाल कंस्ट्रक्शन को आगामी 2 वर्ष के लिए निगम में प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही इनके भुगतान पर रोक लगाने के साथ धरोहर राशि राजसात कर ली गई है।
जलप्रदाय विभाग से छीना टैंकर लगाने का काम जिन दो टैंकर ठेकेदार फर्म पटेल और महाकाल कंस्ट्रक्शन पर कार्रवाई की गई है, उनके निगम के 19 जोन में से करीब 15 जोन पर ट्रैक्टर टैंकर चलते थे। किसी जोन पर एक या फिर दो टैंकर थे। पानी बेचते पकड़ाने के बाद दोनों फर्म के टैंकर बंद कर दिए गए हैं, जिनकी संख्या 41 है। इसके अलावा टैंकर ठेके पर लगाने का काम जलप्रदाय विभाग से छीनकर वर्कशॉप विभाग को दे दिया गया है। जलप्रदाय विभाग के अफसरों की टैंकर ठेकेदारों के साथ सांठगांठ के चलते ऐसा किया गया है। इधर, एक दम से 41 टैंकर बंद होने से कई जोन की कॉलोनियों में पानी वितरण व्यवस्था बिगड़ गई है। ऐसे में निगम ने वर्कशॉप विभाग ने इधर-उधर और अन्य ठेकेदारों के जरिए टैंकर की व्यवस्था जोन पर की ताकि लोगों की जलापूर्ति हो सके।
ऐसे हुआ पानी बेचने का खुलासा जोन-8 विजय नगर के अंतर्गत आने वाली शांति निकेतन कॉलोनी में निगम में ठेके पर लगाए गए ट्रैक्टर टैंकर क्रमांक केए 37 एम 0255 के चालक की पानी बेचने की शिकायत फोटो और वीडियो के साथ की गई। यह शिकायत निगमायुक्त प्रतिभा पाल को मिली। इस पर उन्होंने जलप्रदाय विभाग के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव को जांच करने के आदेश दिए। इसके बाद जांच में शिकायत सही पाई गई। इस पर टैंकर प्रभारी और प्रभारी सहायक यंत्री (मूलपद-उपयंत्री) जोन-18 जुगल किशोर बारपेट से इस संबंध में जानकारी चाहे जाने पर उन्होंने 19 अप्रैल को जोन 8 के अंतर्गत ट्रैक्टर टैंकर क्रमांक केए 37 एम 0255 को पानी बांटने के लिए मेसर्स पटेल कंस्ट्रक्शन को लॉग बुक आवंटित की गई। इसके बाद उक्त टैंकर को 1 मई को मेसर्स महाकाल कंस्ट्रक्शन को लॉग बुक आवंटित की गई, लेकिन बारपेट ने जोन-8 के सहायक यंत्री और उपयंत्री को टैंकर व लॉक बुक इश्यु करने संबंधी कोई सूचना नहीं दी। नतीजतन टैंकर ठेकेदार 19 अप्रैल से 11 मई तक अवैधानिक रूप से हाईड्रेंट से पानी लेकर बेचने का काम करने लगा। अप्रैल और मई माह की लॉग बुक अनुसार 20 अप्रैल को छोडक़र अन्य किसी भी प्रकार की जल वितरण की कोई प्रविष्टि नहीं पाई गई, जबकि 3 मई को छोडक़र 19 अप्रैल से 11 मई तक निगम के हाईड्रेंट से 2 से 7 ट्रिप तक पनी भरा गया, लेकिन लॉग बुक में इंट्री नहीं की गई। मामले में टैंकर प्रभारी बारपेट ने कोई कार्रवाई नहीं की और लापरवाही बरतने के साथ वरिष्ठ अफसरों को कोई सूचना नहीं दी। इस पर पानी बेचने वाले टैंकर ठेकेदारों के साथ उनकी सहभागिता को मानकर उन्हें सस्पेंड कर ट्रेंङ्क्षचग ग्राउंड भेज दिया गया।