must read : जीआई टैग के लिए इंदौरी पोहा को मिली एमएसएमई की मंजूरी, अब विदेशों में बढ़ेगा व्यापार
गुरुवार को यह बात तिलकनगर में चातुर्मास में विराजित जैनाचार्य देवेश ऋषभचंद्र सूरीश्वर महाराज ने तिलक नगर स्थित राजेंद्रसूरी आराधना भवन के प्रवचन हाल में अपने चातुर्मासिक प्रवचन श्रंखला के चौथे दिन श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कही। आपने कहा भगवान की उपासना निर्गुण ओर सगुण दोनों प्रकार से की जाती है। सगुण उपासना में उपासक भगवान की प्रतिमा के सम्मुख होकर उपासना करता है जबकि निर्गुण आंखें बंद कर उपासना करते हैं।
must read : डिस्पोजल फ्री शहर बनाने के लिए नगर निगम इकट्ठा कर रहा थाली, ग्लास, कटोरी, चम्मच, बनेगी बर्तन बैंक
जब मनुष्य का शरीर उत्पन्न होता है तो उसमें समय के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं, शरीर में विराजित आत्मा का स्वरूप वही रहता है। संसार मे समय परिवर्तनशील है। हमारे जीवन में समय सदैव एक सा नहीं रहता है। आज सुख है तो कल दुख का सामना भी होता है।
must read : मोदी के खिलाफ कलेक्टोरेट चौराहे पर कांग्रेस देगी धरना, ये हैं वजह
इनामी ड्रॉ भी
आचार्य देवेश ऋ षभ चन्द्र जी आदि ठाना की निश्रा में चातुर्मास के दौरान चंदा प्रभु मांगलिक भवन में प्रतिक्रमण के साथ ही श्रावक श्राविकाओं द्वारा की जा रही विभिन्न उपासनाओं का दौर जारी है। प्रवचन के पश्चात इनामी कूपन के ड्रा भी प्रतिदिन खोले जा रहे हैं। प्रवचन में जयसिंह जैन, कांतिलाल बम, आनंदीलाल अम्बोर सहित बड़ी संख्या में समाजजन थे।
must read : महिला को पीटने वाले पुलिसवालों पर नहीं किया प्रकरण दर्ज
चातुर्मास मंगल कलश स्थापना 21 को
नेमी नगर जैन कॉलोनी में उपाध्याय विप्रणत सागर ससंघ का पावन चातुर्मास होगा। प्रचार मंत्री मनोज टोंग्या ने बताया, कलश स्थापना 21 जुलाई को नेमीनाथ देशना मंडप, दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में दोपहर 2 बजे करेंगे। महाराज शुक्रवार को सुबह 6.30 बजे मोदीजी की नसिया मल्हारगंज से नेमीनगर की और मंगल विहार करेंगे। संत को शोभायात्रा के साथ लेकर आएंगे।