
Diwali 2024 : मध्यप्रदेश समेत पूरे देश को रोशनी से सजाने वाले त्योहार दिवाली के लिए बाजार सज चुके हैं। चारों तरफ जगमगाती रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों की लड़ियों और पटाखों की डिमांड देखने को मिल रही है। लेकिन मिट्टी के दीयों के बिना ये त्योहार अधूरा माना जाता है। लोग मानते हैं कि दीपावली के समय घरों में मिट्टी के दीपक जलाना काफी शुभ होता है। इसे लेकर सदियों से कई मान्यताएं भी प्रचलित हैं। मिट्टी के दीयों की बड़ी डिमांड को देखते हुए बाजारवाद भी उस पर हावी है। लेकिन बाजारवाद ने मिट्टी के इन दीयों की खूबसूरती कई गुना बढ़ा दी है।
अनोखे और अट्रेक्टिव डिजाइन्स में सजे दीये बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। इस बार एमपी के बाजारों में दूसरे राज्यों से बनकर आए दीयों का क्रेज देखा जा सकता है। एक से बढ़कर एक डिजाइन देखकर आप भी जरूर खरीद लेंगी मिट्टी के ये दीये...
बाजारों में दीपावली की खरीदारी करने वालों का ध्यान मिट्टी के दिये खूब खींच रहे हैं। दरअसल इंदौर में राजकोट के दीये की डिमांड काफी देखने को मिल रही है। लाल रंग के मिट्टी के इस दीये के खूबसूरत डिजाइन बेहद आकर्षक हैं।
इंदौर के महू नाका इलाके में राजकोट के सांचे से बने दीयों का कारोबार व्यापारियों को मुनाफा दिला रहा है। कई व्यापारी परिवार गुजरात के राजकोट से ट्रकों में भर-भर लाए गए इन दीयों को बाजार में बेच रहे हैं।
दीपावली(Diwali 2024)पर मिट्टी के दीये जलाने का जितना पारंपरिक महत्त्व है, उतना ही वैज्ञानिक महत्त्व भी है। जानिए क्यों होते हैं मिट्टी के दीये खास...
- मिट्टी के दीपक पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते है।
- वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाते हैं मिट्टी के दिये।
- मिट्टी के दिये अपनी हल्की रोशनी के चलते मानसिक शांति देते हैं।
- सरसों के तेल से जला दीपक वातावरण में हल्की सुगंध फैलाते है।
- मिट्टी का दिया बिना बिजली के जलता है, जिससे ऊर्जा की कम खपत होती है।
- कम कीमत में आसानी से बाजारों में उपलब्ध हो जाते है।
Published on:
28 Oct 2024 12:45 pm
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