23 बार में राशि निकली, लेकिन नहीं मिला अलर्ट
भोपाल में आइटी ट्रिब्यूनल के प्रिंसिपल आइटी सेके्रटरी ने कार्ड क्लोनिंग मामले में राहत दिलाई है। फरियादी नुरुद्दीन के राष्ट्रीयकृत बैंक के खाते से एटीएम के जरिए 23 बार में करीब 3 लाख 80 हजार रुपए अलग-अलग बूथ से निकाले गए। 23 बार राशि निकली, लेकिन फरियादी का कहना था कि उसे एक बार भी एसएमएस के जरिए अलर्ट नहीं आया। अकाउंट स्टेटमेंट से पता चला तो साइबर सेल व बैंक को शिकायत की। वहां से कार्रवाई नहीं हुई तो आइटी एक्ट की धार 43, 43ए के तहत अधिकरण की मदद ली।
राशि लौटाने का आदेश, पेनल्टी भी देना होगी अधिकरण ने सुनवाई के बाद बैंक को 3 लाख 80 हजार रुपए लौटाने के आदेश दिए। साथ ही 50 हजार की पेनल्टी भी लगाई। बैंक ने अपने जवाब में बताया था, पैसा निकलने पर 8 एसएमएस गए थे, फरियादी ने शिकायत में भी देरी की। साइबर एक्सपर्ट यशदी चतुर्वेदी के मुताबिक, अधिकरण ने कहा कि बैंक का सिस्टम पुख्ता नहीं था, जिसके कारण राशि निकली। शिकायत पर किसी तरह की जांच भी नहीं की गई, इसलिए मुआवजा देना होगा।
बैंक को दिया सुझाव, व्यवस्था सुधारें
बैंक के चेयरमैन अथवा एमडी को भी आदेश की प्रति भेजने का निर्देश दिया गया था कि वे इस तरह का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उचित कदम उठा सकें।
सावधान रहें, ऐसे होती है कार्ड क्लोनिंग
– ठगोरे एटीएम मशीन के कार्ड बाक्स में स्कीमर उपकरण लगा देते हैं। – कार्ड डालते ही स्कीमर आपके एटीएम का सीवीवी नंबर व मैग्नेटिक चिप को कॉपी कर लेता है।
– जहां गुप्त कोड डालते हैं, वहां छोटा कैमरा लगाकर कोड भी देख लेते हैं।
– नंबर व मैग्नेटिक चिप दूसरे कार्ड में अपलोड कर क्लोनिंग कर ली जाती है। आपका एटीएम कार्ड भले ही आपके पास है, लेकिन क्लोनिंग कार्ड से आसानी से निकासी हो जाती है। यह बरतें सावधारी
– क्लोनिंग से बचने के लिए कोड डालते समय हाथ से छिपा लें। – कार्ड सेक्शन को भी चेक कर लें कि उसमें किसी तरह का बाहरी उपकरण (स्कीमर) तो नहीं लगा।