बता दें युद्ध के कारण दोनों ही देशों का गेहूं व्यापार लड़खड़ा गया है, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है। निर्यातकों की जबरदस्त मांग के चलते गुजरात के कांडला बंदरगाह पर गेहूं के ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है। पोर्ट पर एक्सपोर्टरों की जोरदार मांग से गेहूं के भाव तीन दिनों में 100 रुपए क्विंटल बढ़ गए है। कांडला डिलीवरी गेहूं के भाव में भारी उछाल आया है और यह 2440 रुपए रहा, हालांकि मंडी भाव पर इसका कोई असर नहीं रहा।
शनिवार को मिल क्वालटी गेहूं कांडला डिलीवरी 2440, कांडला (मालवराज) 2380, संघवी देवास 2185, पारख देवास 2135, बजरंग एग्रो घाटाबिल्लौद (मालवराज) 2150, खंडवा ऑइल 2225, पारख पीथमपुर 2155 रुपए में कारोबार हुआ निजी कारोबार में लोकवन गेहूं 2350 से 2400, शरबती 3800 से 4000, मालवराज 2125 से 2150 व पूर्णा 2250 से 2300 रुपए क्विंटल बिका। मक्का 2325, ज्वार मीडियम 1900 से 1950, बेस्ट 2700 से 2800 व सफेद 4000 से 4500 रुपए क्विंटल बिकी।
निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर
भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर पर पहुंच गया । एक साल पहले इसी समय में यह केवल 34 करोड़ डॉलर था। भारत वैसे गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सबसे अधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। नए बाजारों में यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी भारत गेहूं निर्यात के लिए प्रवेश किया गेहूं निर्यात के लिए प्रवेश किया है। भारत सालाना करीब 10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है। 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करनेवाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, अफगानिस्तान, कतर, ओमान और अन्य देश रहे।