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अधिकारीयों की बड़ी लापरवाही, जहाँ गार्डन बताया वहां एक पौधा भी नहीं

locationइंदौरPublished: Jan 16, 2018 01:46:49 pm

नगर निगम और आईडीए एक दूसरे पर पर डाल रहे जिम्मेदारी, निजी कार्यक्रमों में पार्किंग के रूप में जमीन का हो रहा इस्तेमाल

इंदौर. विजयनगर स्कीम-78 में ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के सामने गार्डन की जमीन वर्षों से पार्किंग के रूप में इस्तेमाल की जा रही है। इसके विकास की बात आती है तो आईडीए नगर निगम की और नगर निगम आईडीए की जिम्मेदारी बता देता है।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में वर्षभर बड़े आयोजन होते रहते हैं। बीसीसी की खुद की पार्किंग है, लेकिन यहां आने वालों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि जगह कम पड़ जाती है। आसपास की सडक़ों के फुटपाथ और इस गार्डन की जमीन को पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बीसीसी के गार्ड ही यहां पार्किंग करवाते हैं। नगर निगम और आईडीए के जिम्मेदार भी इस गार्डन को विकसित नहीं कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही आईडीए ने ही इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन को गार्डन में कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी थी। एसोसिएशन ने बड़ी कंपनियों के उत्पादों और मशीनों की दुकानें गार्डन में लगवा दी थीं। पास वाली सडक़ को भी नहीं छोड़ा था और उस पर तंबू तान दिया था। न्यूज़ टुडे द्वारा ये मामला उठाए जाने के बाद आयोजकों पर करीब ढाई लाख का जुर्माना किया गया।

एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे अफसर
आईडीए अधिकारियों का कहना है कि हमने गार्डन नगर निगम के सुपुर्द कर दिया है। नगर निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि गार्डन अभी आईडीए के पास ही है। ऐसे में गार्डन को कौन और कब विकसित करेगा, ये सवाल बना हुआ है।

नक्शे में गार्डन के लिए आरक्षित है जमीन
यह कॉलोनी आईडीए ने विकसित की थी। नक्शे में यह जमीन गार्डन के लिए आरक्षित है, फिर भी यहां एक पौधा भी नहीं लगाया गया, जबकि आईडीए के अधिकारी खुद इस जमीन पर गार्डन होना बता रहे हैं। आसपास कॉलोनी विकसित हो चुकी है। बंगले और इमारतें आकार ले चुकी हैं, लेकिन गार्डन खाली मैदान बनकर रह गया है।

जिम्मेदार दे रहे ऐसे जवाब
“हमने योजना 78 नगर निगम के सुपुर्द कर दी है। इसके तहत आने वाले बगीचे एवं अन्य जनसुविधाओं का विकास और मेंटेनेंस अब नगर निगम को ही करना है।”
शंकर लालवानी, अध्यक्ष आईडीए
“बगीचा हमारे रिकॉर्ड में अब तक नहीं आया है। इसकी जिम्मेदारी अगर हमें मिलेगी तो हम इसका विकास करवाएंगे। मामले में और जानकारी निकालकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
चेतन पाटिल, जोनल अधिकारी, नगर निगम

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