एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे अफसर
आईडीए अधिकारियों का कहना है कि हमने गार्डन नगर निगम के सुपुर्द कर दिया है। नगर निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि गार्डन अभी आईडीए के पास ही है। ऐसे में गार्डन को कौन और कब विकसित करेगा, ये सवाल बना हुआ है।
नक्शे में गार्डन के लिए आरक्षित है जमीन
यह कॉलोनी आईडीए ने विकसित की थी। नक्शे में यह जमीन गार्डन के लिए आरक्षित है, फिर भी यहां एक पौधा भी नहीं लगाया गया, जबकि आईडीए के अधिकारी खुद इस जमीन पर गार्डन होना बता रहे हैं। आसपास कॉलोनी विकसित हो चुकी है। बंगले और इमारतें आकार ले चुकी हैं, लेकिन गार्डन खाली मैदान बनकर रह गया है।
“हमने योजना 78 नगर निगम के सुपुर्द कर दी है। इसके तहत आने वाले बगीचे एवं अन्य जनसुविधाओं का विकास और मेंटेनेंस अब नगर निगम को ही करना है।”
शंकर लालवानी, अध्यक्ष आईडीए
चेतन पाटिल, जोनल अधिकारी, नगर निगम