सरकार अब घर-घर नल योजना के जरिए पेयजल की आपूर्ति करने के लिए हर जिले में दो बड़े तालाब बनाने जा रही है। यदि कहीं पहले से तालाब हैं तो उन्हीं का कायाकल्प किया जाएगा। इस काम में जल संसाधन विभाग स्थानीय सांसद, विधायक से लेकर महापौर और जिला पंचायत सदस्यों से भी आर्थिक सहयोग लेगा।
जल संसाधन विभाग जल के लिए जन आंदोलन भी चलाएगा। इसकी शुरूआत अप्रेल से होगी। इसमें तालाबों की सफाई, गहरीकरण और स्वच्छता पर काम होगा। नगरीय प्रशासन, पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व पर्यावरण विभाग इसमें सहयोग करेंगे, ताकि पानी की शुद्धता और उपलब्धता को बेहतर बनाया जा सके।
बकाया वसूली पर होगी सख्ती
अ भी कई निकाय ऐसे हैं, जिन पर पानी की राशि बकाया है, लेकिन वसूली नहीं हो पा रही है। अब वसूली के लिए सख्ती की जाएगी। सिलावट ने बताया कि कुछ इस तरह की व्यवस्था बनाएंगे, जिससे शासन स्तर पर जल संसाधन विभाग को पानी की राशि विभिन्न विभागों से ट्रांसफर हो जाएगी।
बारिश के बाद पानी का संरक्षण
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया, बारिश के तुरंत बाद सिंचाई और पेयजल आरक्षित किया जाएगा। तालाबों की संख्या बढ़ाने के साथ गहरीकरण किया जाएगा। सरकार ने चंबल नदी पर माधवराव सिंधिया परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए बजट में प्रावधान कर दिया है। बुंदेलखंड को सूखे से उबारने के लिए अटल भू-जल योजना लॉन्च की गई है। इसमें काम जल्द ही शुरू किया जाएगा, योजना दो-तीन सालों में मूर्तरूप ले लेगी।