लाइटिंग बिजनेस से जुड़े नीरज फतेहचंदानी ने बताया कि वेस्टर्न कंट्रीज में डॉक्टर्स आंखों के मरीज, बुजुर्ग, प्रोफशनल्स हो या यंग जनरेशन, उन्हें इस तरह आई केयर प्लस टेक्नोलॉजी लाइट्स रिकमेंड करते हैं। ये लाइट्स आंखों पर पडऩे वाले स्ट्रेन या ओव्हरऑल स्ट्रेस को पूरी तरह खत्म कर देती हैं। इसमें आंखों के लिए खतरनाक शॉर्टवेव ब्ल्यू लाइट्स ९० फीसदी तक कम हो जाती है। डिस्प्ले कलर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इससे आंखों को रियल कलर ही दिखते हैं और ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता।
पेंडेंट शेप लाइट्स
गले के पेंडेंट्स से इन्सपायर्ड लाइट्स खास हैं। इनडोर व आउटडोर कैटेगरी में उपलब्ध इन लाइट्स में काफी ऑप्शन्स मौजूद हैं। साइकिल, लैंटर्न, टायर, वुडन सहित अन्य वैरायटीज 500 रुपए से लेकर 5 हजार की रेंज तक में अवेलेबल हैं। आउटडोर के लिए वॉटर और सनलाइट प्रूफ मेटल यूज किया है।
गले के पेंडेंट्स से इन्सपायर्ड लाइट्स खास हैं। इनडोर व आउटडोर कैटेगरी में उपलब्ध इन लाइट्स में काफी ऑप्शन्स मौजूद हैं। साइकिल, लैंटर्न, टायर, वुडन सहित अन्य वैरायटीज 500 रुपए से लेकर 5 हजार की रेंज तक में अवेलेबल हैं। आउटडोर के लिए वॉटर और सनलाइट प्रूफ मेटल यूज किया है।
वाशेबल शीट्स से बने कॉर्नर लैंप
घर के कोनों को रोशन करने के लिए नए वाशेबल कॉर्नर लैंप हैं। यह प्लास्टिक शीट्स से बने हुए हैं। इन्हें बाहर निकालकर पानी से धोया जा सकता है। 2500 रुपए शुरुआती कीमत है।
घर के कोनों को रोशन करने के लिए नए वाशेबल कॉर्नर लैंप हैं। यह प्लास्टिक शीट्स से बने हुए हैं। इन्हें बाहर निकालकर पानी से धोया जा सकता है। 2500 रुपए शुरुआती कीमत है।
एंबिएंस लाइट्स
घर में लगे एंबिएंस (प्रोफाइल) लाइट्स के सोर्स पता नहीं चलते हैं। डायरेक्ट लाइट से मतलब घर में लाइट तो दिखेगी लेकिन सोर्स नहीं दिखेगा। इन्हें बेडरूम, स्टेयर्स, गार्डन आदि जगह यूज किया जाता है।
घर में लगे एंबिएंस (प्रोफाइल) लाइट्स के सोर्स पता नहीं चलते हैं। डायरेक्ट लाइट से मतलब घर में लाइट तो दिखेगी लेकिन सोर्स नहीं दिखेगा। इन्हें बेडरूम, स्टेयर्स, गार्डन आदि जगह यूज किया जाता है।
घर रोशन करने के आसान टिप्स
अंधेरे वाले कमरे में दीवारों पर हल्के रंग पेंट करें। परदे, बेडशीट, कुशन आदि के रंग भी लाइट शेड वाले चुनें। मिरर फर्नीचर का इस्तेमाल करें। जरा सी भी लाइट पूरे कमरे में रोशनी बढ़ाएगी। रिफ्लेक्टिंग फ्लोरिंग से कमरे में चमक बढ़ सकती है। इनमें एलइडी का भी इस्तेमाल हो रहा है। आर्टिफिशियल लाइट्स के अलावा दीवारों पर लैम्प्स भी लगाए जा सकते हैं। लाइटिंग वाले सीलिंग फैन चलन में है। कमरे की सीलिंग में लाइटिंग की व्यवस्था कर सकते हैं।
अंधेरे वाले कमरे में दीवारों पर हल्के रंग पेंट करें। परदे, बेडशीट, कुशन आदि के रंग भी लाइट शेड वाले चुनें। मिरर फर्नीचर का इस्तेमाल करें। जरा सी भी लाइट पूरे कमरे में रोशनी बढ़ाएगी। रिफ्लेक्टिंग फ्लोरिंग से कमरे में चमक बढ़ सकती है। इनमें एलइडी का भी इस्तेमाल हो रहा है। आर्टिफिशियल लाइट्स के अलावा दीवारों पर लैम्प्स भी लगाए जा सकते हैं। लाइटिंग वाले सीलिंग फैन चलन में है। कमरे की सीलिंग में लाइटिंग की व्यवस्था कर सकते हैं।