कई लोगों से कराया निवेश कंपनी का मुख्यालय पुणे में था, जबकि स्थानीय ऑफिस डीएम टॉवर जंजीरवाला चौराहे पर। शिकायतकर्ता महेन्द्र जैन सोसायटी में एजेंट के साथ निवेशक भी थे। वे ४४ वर्षों से लोगों को वित्तीय निवेश की सलाह देते रहे हैं। उनकी पहचान 2015 में सोसायटी के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार से हुई तो उन्होंने सोसायटी में निवेश की बात कही। फरियादी पुणे जाकर सोसायटी के ऑफिस को देखकर आए। एफडी में ज्यादा फायदे का झांसा दिया गया। फरियादी की पत्नी, बेटा-बहू व बेटी ने करीब साढ़े 3 लाख रुपए की एफडी सोसायटी में कराई। उन्होंने संस्था के प्लान बताकर अन्य लोगों से भी करीब 58 लाख रुपए का निवेश कराया। इसके एवज में संस्था ने उन्हें 2.5 प्रतिशत कमीशन नकद दिया था। अन्य लोगों राजेश जायसवाल, निर्मल साहू, राजकुमार पटवा, नवनीत पंचमिया आदि ने राशि निवेश की। जब पैसा लौटाने का समय आया तो कंपनी बंद हो गई। करीब 1. 25 करोड़ की धोखाधड़ी की, जिसकी शिकायत हुई थी।
जांच के दौरान पता चला कि कंपनी के खिलाफ कई प्रदेशों में शिकायत हुई। सीबीआइ भुवनेश्वर, ओडिशा ने करोड़ों की धोखाधड़ी में 2018 में केस दर्ज कर आरोपी महेश मोतेवार और मीना मोतेवार बंद है। जांच के बाद धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। जल्द ही आगे जांच कर आरोपी को भुवनेश्वर जाकर गिरफ्तार किया जाएगा।