शहरवासी बताते हैं कि सन 2008-09 में सप्तपर्णी के पौधे रोपने की शुरुआत हुई थी. शहर की मुख्य सड़कों पर इसके पौधे रोपे गए. इनमें एबी रोड,सपना-संगीता रोड, रेसकोर्स रोड, मोती तबेला, महूनाका से अन्नपूर्णा, मूसाखेड़ी, किला मैदान आदि शामिल हैं. हाईकोर्ट तिराहे पर करीब 10—12 साल पहले लगाए गए सप्तपर्णी के पौधे अब 50 फीट तक ऊंचे हो गए हैं.
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कतार में लगे ये पेड़ यहां का सबसे बड़ा आकर्षण बन चुके हैं. पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि सप्तपर्णी का पौधा बहुत कम पानी में ही पनप जाता है. सबसे खास बात यह है कि मवेशी इसे नहीं खाते. यही कारण है कि सप्तपर्णी का पौधारोपण सफल रहा. शरद ऋतु आते ही सप्तपर्णी के यह सदाबहार पेड़ फूलों से भर उठते हैं और दिवाली तक शहर इनकी खुशबू से महकता रहता है.