शाकिर चाचा को जीतू बाबा हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेजा था। वह कई महीनों से सेंट्रल जेल में बंद है। दो दिन पहले उसको महू जेल ट्रांसफर किया गया। कोर्ट ने उसे महू जेल भेजने के आदेश की तामीली के बारे में न्यायालय को बताने के आदेश दिए थे। महू जेलर मनोज चौरसिया ने बताया कि उसे कोर्ट के आदेश पर पुलिस जवान लेकर आए थे। शाकिर की बारे और हिस्ट्री को देखते हुए उस पर खिलाफ कड़ी नजर रखी जा रही है। दूसरे शातिर बदमाशों से उसे अलग रखा गया है ताकि वह कोई नई साजिश को अंजाम ना दे सके। उपजेल होने से इतने संसाधन नहीं है कि बड़े और शातिर बदमाशों को यहां पर रखा जा सका। इसी के चलते इस मामले में मुख्यालय से भी मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। वहीं, इस पूरे मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। निवेदन किया जाएगा कि इस शातिर बदमाश को सेंट्रल जेल भेजा दिया जाए।
संवेदनशील है महू उपजेल
महू उपजेल संवेदनशील है। यहां पर पहले से ही कई शातिर बदमाश बंद हैं, इनमें मांगीलाल ठाकुर और उसके साथी, जिस पर जेल के अंदर से ही हत्या करवाने के आरोप लग चुके हैं, उस पर ही निगरानी के लिए हर १५ दिन में कोई अफसर जांच के लिए जाता है। वहीं हेमंत लुनिया की गैंग भी यहीं बंद है। इसके अलावा पुलिस जवानों को गोली मारकर भागने वाले बदमाश धार के भाया और कमलेश भी बंद है। इसके अलावा अन्य कैदियों में अधिकतर हत्या के मामले में बंद है।
एसटीएफ ने भरवाया था डोजियर
एसटीएफ ने हाल ही में गैंगस्टर्स की सूची तैयार की थी। इसमें प्रदेश के अंदर और बाहर संगठित गिरोह चलाने वाले बदमाशों को रखा गया था। शाकिर भी इसी सूची में शामिल है, उससे एसटीएफ ने डोजियर भी भरवाया था। वहीं जिला पुलिस भी उसकी कारगुजारियों पर नजर रखे हुए है।