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इंदौर के बिगड़ते ट्रैफिक के पीछे ये हैं प्रमुख वजहें

locationइंदौरPublished: Nov 04, 2019 06:25:57 pm

Submitted by:

jay dwivedi

इंदौर के बिगड़ते ट्रैफिक के पीछे कई वजहें हैं। आइए नजर डालते हैं इनसे जुड़े कारणों पर। और जानते हैं क्या बोलते हैं जिम्मेदार इसे लेकर।

इंदौर के बिगड़ते ट्रैफिक के पीछे ये हैं प्रमुख वजहें

इंदौर के बिगड़ते ट्रैफिक के पीछे ये हैं प्रमुख वजहें

बीआरटीएस पर आइबसों के लिए फीडर रूट्स का निर्माण नहीं किया गया। इससे अंतिम पॉइंट तक कनेक्टिविटी नहीं मिल रही। पार्किंग लॉट नहीं होने से आइबस का संचालन सफल नहीं हो पा रहा है। कई फुट ओवरब्रिज बनाए जाने थे, लेकिन 6 साल बाद भी एक पर भी काम शुरू नहीं हो सका। बस लेन के बाहर मोटर वीकल लेन भी अस्त-व्यस्त है। ट्रैफिक सिग्नल एक किमी से भी कम हिस्से में है। बॉटलनेक वाले हिस्से में फुटपाथ नहीं होने से पैदल चलना मुश्किल।
कई स्थानों पर निर्माण नहीं हटने से सर्विस लेन बाधित। व्यस्ततम चौराहे पर फ्लाय ओवर नहीं होने से वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
इन पर ध्यान देना जरूरी

अभी प्रक्रिया चल रही है

टीडीआर (ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट) नीति के तहत रिसीविंग जोन बनाने की प्रक्रिया में एबी रोड को शामिल किया गया है। इसे घोषित करने की प्रक्रिया अभी चल रही है। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही अंतिम रूप से प्रकाशन होगा।
– एसके मुद्गल, संयुक्त संचालक, टीएंडसीपी

मौजूदा व्यवस्था में सुधार जरूरी

वर्तमान में बीआरटीएस सिर्फ बीआरटी है। इसे एक पूरा सिस्टम नहीं बनाया गया है। इसकी असफलता का कारण भी यही है। अब यदि इसे रिसीविंग जोन बनाने की कवायद चल रही है तो ट्रैफिक व्यवस्था पर विचार करने की जरूरत है। डेन्सिटी बढ़ेगी तो जाम लगेगा।
– पुनीत पांडे, आर्किटेक्ट

तकनीकी सुधार से निकालेंगे राह

बीआरटीएस पर ट्रैफिक की चुनौती बहुत कठिन नहीं है। इसके लिए थोड़ा सा तकनीकी सुधार लाने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। बीआरटीएस पर लेन सिस्टम और सिंक्रोनाइज्ड सिग्नल लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे ट्रैफिक जाम पर नियंत्रण लगेगा।
– महेन्द्र कुमार जैन, डीएसपी ट्रैफिक

पूरा सिस्टम बनाएंगे

यदि पूरा बीआरटीएस कमर्शियल होगा तो निश्चित ट्रैफिक बढ़ेगा। हमारा सिस्टम मास ट्रांजिट सिस्टम है। क्षमता १.५ लाख लोगों के रोजाना आवाजाही की है। एआइसीटीएसएल पूरा सिस्टम बनाएगी। लोक परिवहन को एकीकृत करके समस्या से निपटेंगे।
– संदीप सोनी, सीईओ एआइसीटीएसएल

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