अपोलो डीबी सिटी में रहने वाली रेशमा वरन मोटवानी ने सीएसपी को लिखित शिकायत करते हुए कहा कि मैं हमारे यहां सोसायटी परिसर से बाहर श्वानों को खाना देती हूं। जब मैं खाना देने गई तो वहां पर सोसायटी के ३० से ४० लोग अचानक आ गए और मुझसे झगड़ा करने लगे। मैंने उनसे कहा कि मैं सोसायटी परिसर से बाहर आकर कुाों को खाना दे रही हूं, आप मुझे नहीं रोक सकते। इसके बाद वहां मौजूद दीपक दालमिया और अनुज मित्तल ने अभद्रता की। मेरे सह रहवासी मेहुल मिश्रा के साथ भी इन्होंने धक्का-मुक्की की। फ्लैट से निकलवाने की धमकी भी देने लगे। हमें जान से मारने की धमकी देने लगे। मैं जब यह अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करने लगी तो दीपक ने मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिया। इनके साथ आए जितेंद्र भदौरिया भी अभद्रता करने लगे इनके साथ में महिलाएं भी थीं। इन्होंने मेरे घर आई मेहमान पर बच्चा चोरी का आरोप लगाया। रेशमा ने सीएसपी से मांग की है कि हमारी जान को खतरा है। यहां रहने वाले मेहुल मिश्रा, श्वेता तिवारी, डॉ. शालिनी सिन्हा की जान को भी खतरा है। सीएसपी को शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच उन्होंने एसआई को सौंपी है।
– सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना
रेशमा का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि श्वानों को उनके स्थान से नहीं हटाया जा सकता। हम तो उन्हें खाना दे रहे हैं इसमें कौन सा अपराध है। श्वानों के काटनों के अधिकांश मामलों में देखा गया है कि वह भूखे होने के कारण अग्रेसिव होते हैं। इसके चलते हम अपने रुपयों से बाहर घूम रहे कुाों को खाना दे रहे हैं। हम कोई अपराध नहीं कर रहे हैं। शहर के पशु प्रेमी संगठन हैं सभी ने यह कहा है कि नगर निगम द्वारा कचरा पेटियां हटा दिए जाने से श्वानों को खाना नहीं मिल रहा इसलिए वे काट रहे हैं। हाल ही में इंदौर पुलिस ने श्वानों और बेजुबानों के लिए जगह-जगह पानी के टब रखवाए हैं, ऐसे में खाना देना अपराध कब से हो गया। रेशमा ने बताया कि ये लोग कभी भी हम पर हमला कर सकते हैं। इसलिए हम सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
रेशमा का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि श्वानों को उनके स्थान से नहीं हटाया जा सकता। हम तो उन्हें खाना दे रहे हैं इसमें कौन सा अपराध है। श्वानों के काटनों के अधिकांश मामलों में देखा गया है कि वह भूखे होने के कारण अग्रेसिव होते हैं। इसके चलते हम अपने रुपयों से बाहर घूम रहे कुाों को खाना दे रहे हैं। हम कोई अपराध नहीं कर रहे हैं। शहर के पशु प्रेमी संगठन हैं सभी ने यह कहा है कि नगर निगम द्वारा कचरा पेटियां हटा दिए जाने से श्वानों को खाना नहीं मिल रहा इसलिए वे काट रहे हैं। हाल ही में इंदौर पुलिस ने श्वानों और बेजुबानों के लिए जगह-जगह पानी के टब रखवाए हैं, ऐसे में खाना देना अपराध कब से हो गया। रेशमा ने बताया कि ये लोग कभी भी हम पर हमला कर सकते हैं। इसलिए हम सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।